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राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने छठ पूजा की पूर्व संध्या पर देशवासियों को दी बधाई

राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने छठ पूजा की पूर्व संध्या पर देशवासियों को दी बधाई

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नई दिल्ली, 9 नवंबर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सूर्य की उपासना तथा आस्था के पर्व छठ पूजा की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

राष्ट्रपति कोविंद ने अपने बधाई संदेश में कहा, ‘छठ पूजा के अवसर पर मैं देश और विदेश में बसे सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।’

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संदेश में कहा, ‘लोक आस्था के महान पर्व छठ पूजा की आप सबको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। हमारे देश के पूर्वाचंल से आरंभ हुआ यह पर्व आज सही अर्थों में वैश्विक पर्व बन गया है।’

ओम बिरला ने कहा, ‘चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान सृष्टि के प्राणदाता भगवान भास्कर के रूप में प्रकृति की उपासना आस्था और विश्वास के साथ की जाती है। हमारे पूर्वांचली बंधु विश्व में जहां कहीं भी रहते हैं, अपने परिश्रमी और सेवाभावी स्वभाव से उन्होंने अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। उन्होंने भारत की संस्कृति, परम्पराओं और त्यौहारों का भी प्रसार किया है।’

छह पूजा के दूसरे दिन निभाई गई खरना की परंपरा  

इस बीच बिहार में राजधानी सहित विभिन्न हिस्सों में चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी समेत अन्य नदियों और तालाबों में स्नान किया। व्रत के दूसरे दिन खरना व्रत की परंपरा निभाई जाती है, जो कार्तिक शुक्ल की पंचमी तिथि होती है। छठ में खरना का अर्थ है शुद्धिकरण। यह शुद्धिकरण केवल तन न होकर बल्कि मन का भी होता है, इसलिए खरना के दिन केवल रात में भोजन करके छठ के लिए तन तथा मन को व्रती शुद्ध करते हैं।

36 घंटे का निराहार व्रत चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न होगा

खरना के बाद व्रती 36 घंटे का व्रत रखकर तीसरे दिन यानी सप्तमी को सुबह अर्घ्य देते हैं। व्रतधारी उसी दिन अस्ताचलगामी सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर फल एवं कंद मूल से प्रथम अर्घ्य अर्पित करते हैं। पर्व के चौथे और अंतिम दिन फिर नदियों और तालाबों में व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देते हैं। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वे अन्न-जल ग्रहण करते हैं।

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