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बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले प्रशांत किशोर की चेतावनी – भ्रष्ट नेता फिर मंत्री बने तो कोर्ट जाएंगे

बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले प्रशांत किशोर की चेतावनी – भ्रष्ट नेता फिर मंत्री बने तो कोर्ट जाएंगे

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पटना, 18 नवम्बर। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बीते बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की करार हार की जिम्मेदारी लेते हुए नई सरकार के गठन से पहले न सिर्फ एनडीए पर जमकर हमला बोला वरन चेतावनी भी दी कि यदि फिर भ्रष्ट नेताओं को मंत्री पद दिए गए तो वह कोर्ट जाएंगे। हालांकि बिहार चुनाव में जन सुराज पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका, लेकिन प्रशांत किशोर ने कहा है कि वह जनता के हक के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा, ‘हमने कुछ नेताओं के बारे में जो बातें पहले कही थीं, वे वैसी ही हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार एक्शन लेगी, लेकिन लोगों ने उन्हें फिर से चुना है और उन्हें बहुत बड़ा मैंडेट दिया है। अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन्हें मिनिस्ट्री में शामिल न करे। यदि ऐसे नेताओं को फिर कैबिनेट में शामिल किया जाता है, तो हम लोगों के पास जाएंगे और जरूरत पड़ने पर कोर्ट भी जाएंगे। जिन चार लोगों के बारे में हमने पहले बताया था, यदि वे फिर से मिनिस्टर बनते हैं तो हम कोर्ट जाएंगे।’

40 हजार करोड़ खर्च करने के वादे पर NDA को मिला इतना बड़ा बहुमत

चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार, खासकर बिहार में किसी सरकार ने लोगों के लिए 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया और इसीलिए NDA को इतना बड़ा बहुमत मिला। उन्होंने कहा, ‘लोग कह रहे हैं कि वोटरों ने 10,000 रुपये के लिए अपने वोट बेच दिए। यह सच नहीं है, यहां के लोग अपना या अपने बच्चों का भविष्य नहीं बेचेंगे। इस बहस का कोई अंत नहीं है।’

हर विधानसभा पर कम से कम 60-62 हजार लोगों को 10-10 हजार रुपये दिए गए

प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ लोग चुनाव आयोग पर गलत काम करने का आरोप लगा रहे हैं, यह उनका मामला है, लेकिन हर विधानसभा सीट पर कम से कम 60,000-62,000 लोगों को 10,000 रुपये दिए गए और दो लाख रुपये का लोन देने का वादा किया गया। सरकारी अधिकारी ड्यूटी पर थे, जो लोगों को बता रहे थे कि यदि NDA सत्ता में वापस आई तो उन्हें लोन मिलेगा और इसके लिए जीविका दीदियों को ड्यूटी पर लगाया गया था।

वोट चोरी कोई मुद्दा नहीं, सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल असल चिंता

उन्होंने कहा कि बिहार में ‘वोट चोरी’ कोई मुद्दा नहीं है। असल चिंता सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल है, जिसमें जीविका दीदियों को मोबिलाइजर के तौर पर इस्तेमाल करना शामिल है और मतदान के अंतिम दो घंटों में 15-20% वोट बढ़ने का पैटर्न है जबकि इलेक्शन कमीशन ने इसकी डिटेल्स शेयर नहीं की हैं। उन्होंने कहा कि जनसुराज भले ही एक छोटी पार्टी है, लेकिन विपक्ष से रिक्वेस्ट करते हैं कि वे इसे सीरियसली लें और अगर जरूरत हो तो सुप्रीम कोर्ट जाएं। यह देखने का भी समय है कि क्या मौजूदा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट काफी है।

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