लोकप्रिय पार्श्व गायिका वाणी जयराम का निधन, इसी वर्ष पद्म भूषण से हुई थीं सम्मानित
चेन्नई, 4 फरवरी। लोकप्रिय पार्श्व गायिका वाणी जयराम का निधन हो गया है। 77 वर्षीया वाणी जयराम शनिवार को चेन्नई में हैडोस रोड, नुंगमबक्कम स्थित आवास में मृत पाई गईं। गायिका को इसी वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
वाणी को आधुनिक भारत की मीरा कहा जाता था
वाणी जयराम की आवाज में ‘हम को मन की शक्ति देना मन विजय करे’ गीत लगभग सभी को याद होगा। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के कई भजन भी गाए थे, जो मीरा की भक्ति पर आधारित थे। इसलिए वाणी जयराम को आधुनिक भारत की मीरा कहा जाता था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ दिनों से वाणी जयराम की तबीयत खराब थी। काफी समय पहले सिर पर चोट लग जाने की वजह से वह अक्सर बीमार रहती थीं। हालांकि, उनकी मृत्यु इसी वजह से हुई है या नहीं, यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ।
मौत के कारणों की जांच करने घर पहुंची पुलिस
प्राप्त जानकारी के अनुसार चेन्नई पुलिस वाणी जयराम के घर पहुंच गई है। वह गायिका की मौत के कारणों की जांच कर रही है। इसी बीच गायिका के घर काम करने वाली मलारकोडी का बयान सामने आया है। मलारकोडी ने कहा, ‘हर दिन की तरह आज भी मैं काम करने उनके घर पहुंची थी। मैंने पांच बार उनके घर की घंटी बजाई, लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। फिर मेरे पति ने उन्हें फोन किया। लेकिन, उन्होंने फोन नहीं उठाया। घर पर उनके साथ और कोई नहीं रहता था। वह अकेली ही रहती थीं।’
करिअर के दौरान कुल 19 भाषाओं में गाने गाए
साउथ की फेमस प्लेबैक सिंगर्स की लिस्ट में शुमार वाणी जयराम का जन्म 30 नवम्बर, 1945 को तमिलनाडु के वेल्लोर में हुआ था। उनका असली नाम कलैवानी था। गायिका ने अपने पूरे करिअर के दौरान तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, हिन्दी, उर्दू, मराठी, बंगाली, भोजपुरी, तुलू, उड़िया समेत कुल 19 भाषाओं में गाने गाए।
तीन बार मिला था सर्वश्रेष्ठ गायिका का अवार्ड
वाणी जयराम ने 1971 में संगीत की दुनिया में कदम रखा था और 1990 तक वे संगीतकारों की पसंदीदा गायिका रहीं। तीन बार सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक सिंगर के तौर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। उन्हें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात और ओडिशा से राज्य पुरस्कार भी प्राप्त हुए थे।
10 हजार से ज्यादा गाने गए
वाणी जयराम ने एमएस इलैयाराजा, आरडी बर्मन, केवी महादेवन, ओपी नैय्यर और मदन मोहन के साथ काम किया था। तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, हिन्दी, उर्दू, मराठी, बंगाली, भोजपुरी और उड़िया में 10 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्होंने देश और दुनियाभर में कई शो किए। हाल ही में उन्होंने एक प्रोफेशनल प्लेबैक सिंगर के तौर संगीत की दुनिया में अपने 5 दशक पूरे किए थे।