पीएम मोदी ने वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा, बोले – केंद्र पीड़ितों की हरसंभव मदद को तत्पर
वायनाड, 10 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल के वायनाड जिले के उन इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जो बीते दिनों भीषण भूस्खलन से पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। पीएम मोदी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बीच कुछ राहत शिविरों में भी गए और पीड़ितों से मिलकर उनका दर्द बांटा।
राज्यपाल व सीएम की मौजूदगी में की उच्चस्तरीय बैठक
पीएम मोदी ने इसी क्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन व केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की और राज्य सरकार को आश्वस्त किया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों की हरसंभव मदद के लिए केंद्र सरकार तत्पर है।
पीड़ितों के सिर और कंधों पर हाथ रखा
कन्नूर हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा पहाड़ी जिले वायनाड पहुंचे पीएम मोदी ने नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने दोपहर करीब 2.30 बजे मेप्पाडी में शिविर का दौरा किया और वहां लगभग आधे घंटे तक कुछ बचे हुए लोगों से बातचीत की। पीएम मोदी ने पीड़ितों के सिर और कंधों पर हाथ रखा, जब वे प्रधानमंत्री को अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़े।
कलपेट्टा में उतरने से पहले मोदी ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन से तबाह हुए चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम बस्तियों का हवाई सर्वेक्षण किया। वह कलपेट्टा में एसकेएमजे हायर सेकेंडरी स्कूल में उतरे और फिर सड़क मार्ग से चूरलमाला पहुंचे, जहां आपदा के बाद सेना ने 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया था।
नुकसान का जायजा लेते हुए बेली ब्रिज पर पैदल यात्रा की
प्रधानमंत्री ने नुकसान का जायजा लेते हुए पुल पर पैदल यात्रा की। चूरलमाला पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने बचाव कर्मियों, राज्य के मुख्य सचिव वी. वेणु व जिला अधिकारियों से बातचीत की और पैदल ही पत्थरों और मलबे से अटे इलाके का सर्वेक्षण किया। पीएम मोदी के साथ राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सीएम विजयन और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी भी थे।
पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा, ‘जब से मुझे इस घटना के बारे में पता चला है, तब से मैं भूस्खलन के बारे में जानकारी ले रहा हूं। केंद्र सरकार की वे सभी एजेंसियां तुरंत काम पर लग गईं, जो इस आपदा में मदद कर सकती थीं। यह आपदा सामान्य नहीं है। हजारों परिवारों के सपने चकनाचूर हो गए हैं। मैंने मौके पर जाकर स्थिति देखी है। मैंने राहत शिविरों में पीड़ितों से मुलाकात की, जिन्होंने इस आपदा का सामना किया। मैंने अस्पताल में घायल मरीजों से भी मुलाकात की।’
‘मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस मुश्किल समय में आप अकेले नहीं हैं‘
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी प्रार्थनाएं वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के साथ हैं। केंद्र राहत प्रयासों में सहायता के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन हमने दिया है। मैं भूस्खलन से बचे लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वे इस मुश्किल समय में अकेले नहीं हैं।’
‘केंद्र सभी समस्याओं को हल करने के लिए राज्य सरकार के साथ खड़ा रहेगा‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘सीएम पिनाराई विजयन ने कहा है कि वे केंद्र से आवश्यक सहायता के बारे में विस्तृत ज्ञापन भेजेंगे। हमारी केंद्रीय टीमों ने भी स्थिति का आकलन किया है। भारत सरकार सभी समस्याओं को हल करने के लिए राज्य सरकार के साथ खड़ी रहेगी।’
उल्लेखनीय है कि गत 30 जुलाई तड़के केरल में आई सबसे भीषण आपदाओं में से एक में 226 लोगों की जान चली गई और 130 से अधिक लोग लापता हैं। वहीं सैकड़ों लोग इस आपदा में घायल हुए हैं।