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कचरे से ‘बायो सीएनजी’ बनाने वाले एशिया के सबसे बड़े प्लांट का लोकार्पण आज करेंगे पीएम मोदी

कचरे से ‘बायो सीएनजी’ बनाने वाले एशिया के सबसे बड़े प्लांट का लोकार्पण आज करेंगे पीएम मोदी

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इंदौर, 19 फरवरी। देश के सबसे ज्यादा स्वच्छ शहरों में शामिल इंदौर में गीले कचरे से बायो सीएनजी बनाने के एशिया के सबसे बड़े संयंत्र (प्लांट) का लोकार्पण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इंदौर में दिन में आयोजित कार्यक्रम में श्री मोदी दिल्ली से वर्चुअली जुड़ेंगे। यहां आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्य के अनेक जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस समारोह में वर्चुअली जुड़ेंगे। वे कोरोना संक्रमण का शिकार होने के कारण आइसोलेशन में हैं। वहीं राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह अस्वस्थता के चलते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शहर के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड स्थित इस बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण कार्यक्रम दोपहर एक बजे वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा। केंद्र सरकार की ‘वेस्ट-टू-वेल्थ’ की अवधारणा के अनुरूप यहां नगर निगम ने गीले कचरे के निपटान के लिए 550 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट को स्थापित किया है।

यह प्लांट संपूर्ण एशिया महाद्वीप में जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी निर्माण का सबसे बड़ा तथा देश का पहला प्लांट हैं। बायो सीएनजी प्लांट पीपीपी मॉडल पर आधारित है। इस प्लांट में प्रतिदिन 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) को उपचारित किया जायेगा, जिससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सीएनजी गैस तथा 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट (खाद) का उत्पादन होगा। इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सीएनजी में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम, इन्दौर को लोक परिवहन की संचालित बसों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। शेष 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को विक्रय की जा सकेगी।

इन्दौर नगर का ‘वेस्ट सेग्रीगेशन’ उत्तम क्वालिटी का होने से इस प्लांट को इन्दौर में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। श्री चौहान ने अपने ट्वीट में कहा है कि वे पूरे प्रदेश की ओर से श्री मोदी का इस सौगात के लिए आभार व्यक्त करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि संयंत्र के कारण प्रतिवर्ष एक लाख तीस हजार टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। किसानों को जैविक खाद उपलब्ध होगी और ग्रीन फ्यूल को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे शहर की लगभग 400 सिटी बसों को चलाने लायक ईंधन उपलब्ध होगा।

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