किश्तवाड़ आपदा : पीएम मोदी ने सीएम उमर अब्दुल्ला और एलजी मनोज सिन्हा से की बात, मदद का दिया आश्वासन
नई दिल्ली/जम्मू, 15 अगस्त। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने और उसके बाद आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने आज जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बातचीत कर हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी और पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ी है।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मुझे अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी का फोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ की स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। मेरी सरकार और इस दुखद बादल फटने से प्रभावित लोग उनके समर्थन और केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी हैं।’
I just received a call from Hon PM @narendramodi Sb. I briefed him about the situation in Kishtwar & the steps being taken by the administration. My government & the people hit by this tragic cloudburst are grateful for his support & all the assistance provided by the Union…
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 15, 2025
इससे पहले, गुरुवार को पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। बचाव और राहत अभियान जारी है। जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।’
ज्ञातव्य है कि किश्तवाड़ के चिशोती इलाके में गुरुवार को मध्याह्न बाद बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने तबाही माच दी। यह घटना उस जगह पर हुई, जहां श्री मचैल यात्रा के लिए चार पहिया वाहन खड़े होते हैं और कई अस्थायी दुकानें लगी हुई हैं। इस हादसे में अब तक लगभग 50 लोगों की मौत हो चुकी है। 160 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, जनमें 38 की हालत गंभीर है। वहीं 200 से ज्यादा लोगों के अब भी लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित
फिलहाल एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।
