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भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में बड़े सुधार एक निर्णायक सरकार की देन : पीएम मोदी

भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में बड़े सुधार एक निर्णायक सरकार की देन : पीएम मोदी

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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अंतरिक्ष क्षेत्र और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के संबंध में आज भारत में हो रहे बड़े सुधार एक निर्णायक सरकार की वजह से हैं। सोमवार को यहां भारतीय अंतरिक्ष संघ (इस्पा) के शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने यह बात कही।

अंतरिक्ष सुधारों के मामले में सरकार का दृष्टिकोण 4 स्तंभों पर आधारित

पीएम मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष सुधारों के मामले में सरकार का दृष्टिकोण चार स्तंभों पर आधारित है। निजी क्षेत्र में नवाचार की स्वतंत्रता पहला स्तंभ है और एक संबल के रूप में सरकार की भूमिका दूसरे नंबर पर है। युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और आम आदमी की प्रगति के लिए एक संसाधन के रूप में अंतरिक्ष क्षेत्र को तैयार करना अन्य दो स्तंभ हैं।

भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र 130 करोड़ लोगों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र 130 करोड़ लोगों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र का मतलब आम इंसान के लिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और संपर्क सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र का मतलब उद्यमियों के लिए शिपमेंट से लेकर डेलिवरी तक बेहतर गति उपलब्‍ध कराना है।

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं बल्कि एक सुविचारित, सुनियोजित, एकीकृत आर्थिक रणनीति भी है।  एक ऐसी रणनीति, जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के कौशल की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को वैश्विक विनिर्माण पावरहाउस बनाए।

उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को लेकर सरकार एक स्पष्ट नीति के साथ आगे बढ़ रही है और जहां सरकार की आवश्यकता नहीं है, ऐसे ज्यादातर क्षेत्रों को निजी उद्यमों के लिए खोल रही है। अभी एयर इंडिया से जुड़ा जो फैसला लिया गया है, वो हमारी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दिखाता है।’

भारत को सुनिश्चित करना होगा कि अंतरिक्ष 21वीं सदी में दुनिया को संगठित करे

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने देखा है कि 20वीं सदी में अंतरिक्ष और अंतरिक्ष पर राज करने की प्रवृत्ति ने दुनिया के देशों को किस तरह विभाजित किया। अब 21वीं सदी में अंतरिक्ष, दुनिया को जोड़ने में, संगठित करने में अहम भूमिका निभाए, ये भारत को सुनिश्चित करना होगा।’

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