IndiGo संकट पर पीएम मोदी का बयान – ऐसा कोई नियम-कानून नहीं होना चाहिए, जो जनता को परेशान करे
नई दिल्ली, 9 दिसम्बर। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानों के रद विलंबित होने क्रम लगातार आठवें दिन भी जारी रहा। इससे हवाई सफर करने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच इंडिगो संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान सामने आया है कि नियम-कानून बनाने का मकसद सिस्टम को बेहतर करना होना चाहिए, न कि आम नागरिकों को परेशान करना।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों की बैठक के दौरान इंडिगो संकट पर यह बात कही। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को एनडीए के सांसदों की बैठक में पीएम के बयान का हवाला देते हुए यह जानकारी शेयर की है।
एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद किरेने रिजिजू ने कहा, रिजिजू के अनुसार ‘…प्रधानमंत्री मोदी ने सभी NDA सांसदों को देश के लिए और अपने संसदीय क्षेत्र के लिए, राज्य के लिए क्या-क्या करना है, उसके लिए मार्गदर्शन दिया है…उन्होंने लोगों की जिंदगी को सुधारने के लिए सुधारों पर बहुत जोर दिया है…देश के आम लोगों की जिंदगी को आसान और आरामदायक बनाने के लिए सुधार, हर क्षेत्र में सुधार होने चाहिए…।’
पीएम मोदी ने बहुत साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी ऐसा कानून, नियम नहीं होना चाहिए, जो बिना मतलब नागरिकों को परेशान करें…कानून लोगों पर बोझ नहीं बल्कि उनकी सुविधा के लिए होना चाहिए। पीएम मोदी ने तीसरे कार्यकाल में देश को और तेजी से आगे ले जाने के लिए और तेजी से काम करने के लिए कहा है…बहुत अच्छी बैठक हुई है।’
सरकार की काररवाई – इंडिगो उड़ानों में 5% कटौती का लिया फैसला
इस बीच देश के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने बड़ा एक्शन लेते हुए इंडिगो की उड़ानों में पां फीसदी कटौती का फैसला किया है। डीजीसीए ने एक नोटिस जारी कर कहा है इंडिगो ने अपने शेड्यूल को अच्छे से चलाने की काबिलियत नहीं दिखाई है। इसे सभी सेक्टर में शेड्यूल 5 फीसदी कम करने का निर्देश दिया गया है। इंडिगो को 10 दिसम्बर को शाम पांच बजे तक बदला हुआ शेड्यूल जमा करना होगा।
एक्शन में MoCA, बड़े एयरपोर्ट्स का जायजा लेंगे अधिकारी
वहीं इंडिगो की ऑपरेशनल दिक्कतों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी जैसे बड़े अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे जल्द ही देश के बड़े एयरपोर्ट पर जाकर जमीनी हकीकत का जायजा लें। ये अधिकारी मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम जैसे हवाई अड्डों का दौरा करेंगे।
