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IBSA नेताओं की बैठक में बोले पीएम मोदी – ‘UN सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार अब कोई ऑप्शन नहीं, बल्कि जरूरी है’

IBSA नेताओं की बैठक में बोले पीएम मोदी – ‘UN सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार अब कोई ऑप्शन नहीं, बल्कि जरूरी है’

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जोहानेसबर्ग, 23 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 20वें ‘G-20 लीडर्स’ समिट 2025 के दौरान भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (IBSA) नेताओं की बैठक में शामिल हुए। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की मेजबानी में आयोजित इस बैठक में पीएम मोदी के अलावा ब्राजीली राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा भी शामिल हुए।

IBSA सिर्फ तीन देशों का ग्रुप नहीं, वरन….

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि IBSA सिर्फ तीन देशों का ग्रुप नहीं है, बल्कि तीन कॉन्टिनेंट्स, तीन बड़े डेमोक्रेटिक देशों और तीन बड़ी इकॉनमी को जोड़ने वाला एक जरूरी प्लेटफॉर्म है। उन्होंने देकर कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस संस्थाएं 21वीं सदी की असलियत से बहुत दूर हैं। उन्होंने IBSA से यह कड़ा संदेश देने को कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस की संस्थाओं, खासकर UN सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में सुधार अब कोई ऑप्शन नहीं, बल्कि जरूरी है।

इस मीटिंग की सही टाइमिंग का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह अफ्रीका की धरती पर पहले जी20 समिट के साथ हुई और ग्लोबल साउथ देशों द्वारा लगातार चार जी20 प्रेसीडेंसी का समापन था, जिनमें से आखिरी तीन IBSA सदस्यों द्वारा की गईं। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे में ह्यूमन-सेंट्रिक डेवलपमेंट, मल्टीलेटरल रिफॉर्म और सस्टेनेबल ग्रोथ पर फोकस करने वाली कई जरूरी पहलें हुई हैं।

आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर, पीएम मोदी ने करीबी तालमेल की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि आतंकवाद से लड़ते समय दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। इंसानी विकास को पक्का करने में टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने तीनों देशों के बीच UPI जैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, CoWIN जैसे हेल्थ प्लेटफॉर्म, साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क और महिलाओं के नेतृत्व वाली टेक पहल को शेयर करने में मदद के लिए ‘IBSA डिजिटल इनोवेशन अलायंस’ बनाने का प्रस्ताव भी रखा।

भारत में प्रस्तावित AI इम्पैक्ट समिट के लिए IBSA नेताओं को दिया न्यौता

पीएम मोदी ने सुरक्षित, भरोसेमंद और इंसानी AI नियमों के विकास में योगदान देने की IBSA की क्षमता पर भी जोर दिया। उन्होंने अगले वर्ष भारत में होने वाले AI इम्पैक्ट समिट में IBSA नेताओं को बुलाया।

क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर के लिए IBSA फंड का प्रस्ताव

इसके अतिरिक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सोलर एनर्जी जैसे सेक्टर में 40 देशों में प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करने में IBSA फंड के काम की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने साउथ-साउथ सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर के लिए IBSA फंड का प्रस्ताव रखा।

पीएम मोदी ने कहा कि IBSA एक-दूसरे के विकास में मदद कर सकता है और सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए एक मिसाल बन सकता है। साथ ही उन्होंने बाजरा, नेचुरल खेती, आपदा से लड़ने की क्षमता, ग्रीन एनर्जी, पारंपरिक दवाइयां और हेल्थ सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग के मौकों पर जोर दिया।

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