नई दिल्ली, 2 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात जवाद के मद्देनजर गुरुवार को यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें ओडिशा, बंगाल और आंध्र प्रदेश में चक्रवात के असर को लेकर तैयारियों की समीक्षा की गई।
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनडीआरएफ डीजी, कैबिनेट सचिव राजीव कुमार गौबा सहित मौसम विभाग के कई अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात जवाद चार दिसंबर की सुबह आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट से टकरा सकता है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने एनसीएमसी की बैठक में दिए निर्देश
इसके पूर्व बुधवार को राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात से निबटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की थी। उन्होंने विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को ‘किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान से बचने और संपत्ति, बुनियादी ढांचे और फसलों को कम से कम नुकसान पहुंचने देने’ का निर्देश दिया था।
कैबिनेट सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए कि मछुआरों और समुद्र में सभी नौकाओं को तुरंत वापस बुला लिया जाए और चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए।
आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दिखेगा चक्रवात का असर
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक कम दबाव वाले क्षेत्र के तीन दिसंबर तक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। इस चक्रवात का नाम जवाद दिया गया है। इसका असर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हो सकता है।
इस चक्रवात के चार दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे से 100 किलोमीटर प्रति घंटे के साथ होगी। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में भारी वर्षा की भी आशंका है।