‘गुजराती होकर भी हिन्दी कैसे बोल लेते हो?- पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने बताया चाय बेचने का कनेक्शन
नई दिल्ली, 10 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में यह सर्वविदित है कि वह देश के जिस भी कोने में जाते हैं, वहां अपने उद्बोधन में क्षेत्रीय भाषाओं का भी थोड़ा बहुत समावेश करते हैं। भाषा पर पकड़ और भाषण देने की उनकी कला से भी सब वाकिफ हैं। लेकिन गुजरात से ताल्लुक रखने के बावजूद वह गुजराती के साथ उतनी ही अच्छी हिन्दी भी बोलते हैं। इस बाबत उन्होंने खुद रहस्योद्घाटन किया कि वह चाय बेचते-बेचते अच्छी हिन्दी बोलना भी सीख गए।
दरअसल, पॉडकास्ट जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ रिकॉर्डेड अपने पहले पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अच्छी हिन्दी बोलने के पीछे का एक किस्सा सुनाया। शुक्रवार को जारी किए गए ‘पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ’ नामक इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी से पूछा गया कि वे गुजराती होकर इतनी अच्छी हिन्दी कैसे बोल लेते हैं तो उन्होंने अपने चाय बेचने के दिनों से एक पुराना किस्सा सुनाया।
निखिल कामथ ने जब पीएम मोदी से पूछा कि आप इतना अच्छा कैसे बोल लेते हैं, इस पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझसे पूछा जाता है कि आप तो गुजराती हैं, हिन्दी कैसे बोल लेते हैं… पहले जब संघ (RSS) का काम करता था तो कई लोग मानते थे कि मैं तो उत्तर भारत का हूं और गुजरात में आकर रहता हूं।’
‘मेहसाणा रेलवे प्लेटफॉर्म पर दूधियों से बात करते-करते मैं सीख गया हिन्दी‘
पीएम मोदी कहा, ‘मेरा गांव मेहसाणा है। मेह का मतलब भैंस होता है। भैंस जब दूध देना शुरू कर देती थी तो मेरे गांव से भैंस लेकर लोग मुंबई जाते थे। मुंबई में वो दूध बेचते थे और जब भैंस दूध देना बंद कर देती थी तो वे वापस आ जाते थे। ये कारोबार करने वाले लोग उत्तर प्रदेश के भी होते थे। तो वो जब आते थे, मालगाड़ी का इंतजार करते थे। इस तरह के 30-40 लोग हमेशा वहां रेलवे प्लेटफॉर्म पर होते थे। मैं वहां चाय बेचता था, तो उनको चाय पिलाने जाता था। उनसे मुझे बात करनी पड़ती थी। उनसे बातें करते-करते मैं हिन्दी सीख गया। ये भैंस का व्यापार करने वाले लोग होते थे। वे अपना भजन कीर्तन करते, मैं उन्हें चाय पिलाता था और उनसे बात करते-करते हिन्दी सीख गया।’
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‘मैं भी एक इंसान हूं, भगवान नहीं‘
इससे पहले पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने याद किया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में एक भाषण में उन्होंने कहा था कि गलतियां सभी से होती हैं और वह भी कुछ गलतियां कर सकते हैं। इस पॉडकास्ट की मेजबानी खुद कामथ ने की है। पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं भी एक इंसान हूं, भगवान नहीं।’ अच्छे लोगों के राजनीति में आने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री पॉडकास्ट में इस बात पर जोर देते हैं कि उन्हें एक मिशन के साथ राजनीति में आना चाहिए न कि किसी महत्वाकांक्षा के साथ।