G20 शिखर सम्मेलन : पीएम मोदी ने लॉन्च किया ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस
नई दिल्ली, 9 सितम्बर। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की अध्यक्षता में यहां जारी G20 शिखर सम्मेलन में शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उपस्थिति में ‘ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस’ (वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन) का शुभारंभ किया।
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर जल्द ही लॉन्च किया जाएगा
पीएम मोदी ने ‘एक पृथ्वी’ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। यह भारत, यूएई, सऊदी अरब, EU, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका को शामिल करते हुए कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को लेकर सहयोग पर एक पहल होगी। आने वाले समय में भारत पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम होगा। पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को दिशा प्रदान करेगा।
पश्चिम एशिया व यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम बनेगा भारत
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर और वैश्विक बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए साझेदारी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे मित्र राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुझे इस आयोजन की अध्यक्षता करते हुए बहुत खुशी हो रही है। आज हम सबने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समझौता संपन्न होते हुए देखा है।’
पीएम मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा और वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ इथेनॉल के सम्मिश्रण को बढ़ा कर 20 प्रतिशत तक करने की अपील के साथ जी20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने ‘पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 उपग्रह मिशन’ शुरू करने का प्रस्ताव भी किया।
‘ग्रीन क्रेडिट’ पहल पर भी काम शुरू करने का आग्रह
प्रधानमंत्री ने जी20 नेताओं से ‘ग्रीन क्रेडिट’ पहल पर भी काम शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘आज समय की मांग है कि ईंधन सम्मिश्रण के क्षेत्र में सभी देश मिलकर काम करें। हमारा प्रस्ताव पेट्रोल में इथेनॉल सम्मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का है।’
इस सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत विश्व के कई नेताओं ने भाग लिया। पीएम मोदी ने कहा, ‘वैकल्पिक रूप से, हम व्यापक वैश्विक कल्याण के लिए एक और सम्मिश्रण पहल पर काम कर सकते हैं, जो स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ जलवायु सुरक्षा में भी सहायक होगी।’