पीएम मोदी ने 36वें राष्ट्रीय खेलों का किया शुभारंभ, बोले – दुनिया में सम्मान का खेलों से सीधा जुड़ाव
अहमदाबाद, 29 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की देर शाम यहां नरेंद्र मोदी स्टेडियम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों एवं मार्च मास्ट के बीच 36वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य उद्घाटन किया। गुजरात के विभिन्न शहरों में 12 अक्टूबर तक राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा। इसमें 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से 7000 से ज्यादा खिलाड़ी, 15000 से ज्यादा प्रतिभागी भाग ले रहे है।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में विकसित देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वैश्विक खेलों में ऐसे देशों के खिलाड़ी अधिक पदक जीतते हैं। उन्होंने कहा, ”दुनिया में सम्मान पाने का खेलों में सफलता से सीधा जुड़ाव होता है। आज दुनिया में जो देश विकास और अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर हैं, उनमें से ज्यादातर पदक तालिका में भी शीर्ष पर होते है। खेल के मैदान में खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित करता है। खेल दुनिया में ‘सॉफ्ट पावर’ का जरिया भी है।”
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार के कारण भारत के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मौके नहीं मिल पाए, पर अब इसमें काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया ओलंपिक के जिन खेलों की दीवानी है, वे खेल हमारे यहां पहले सामान्य ज्ञान तक सिमट कर रह गए थे। अब माहौल नया है, 2014 से खिलाड़ियों ने खेलों में जो जलवा कायम करना शुरू किया वह तेजी से आगे बढ़ते जा रहा है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘देश के 36 राज्यों से 7000 से ज्यादा एथलीट और 15000 से ज्यादा प्रतिभागी, 35000 से ज्यादा कॉलेज, विश्वविद्यालय और विद्यालयों की सहभागिता और 50 लाख से ज्यादा छात्रों का राष्ट्रीय खेलों से सीधा जुड़ाव अभूतपूर्व है। राष्ट्रीय खेलों का यह मंच आप सभी के लिए एक नए लांचिंग पैड का काम करेगा।’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी देश की प्रगति उसके सम्मान का खेलों में उसकी सफलता से सीधा संबंध होता है। राष्ट्र को नेतृत्व देश का युवा देता है और खेल उस युवा की ऊर्जा का, उसके जीवन निर्माण का प्रमुख स्रोत है। दुनिया में जो देश विकास और अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर हैं, उनमें से ज्यादातर खेलों की पदक तालिका में भी शीर्ष पर होते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘खेल के मैदान में खिलाड़ियों की जीत, उनका दमदार प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों में देश की जीत का भी रास्ता बनाता है। खेलों की साफ्ट पावर देश की छवि को कई गुना ज्यादा बेहतर बना देती है। आजादी के अमृतकाल में देश ने इसी हौसले के साथ नये भारत के निर्माण की शुरूआत की है। एक समय हमारे यहां खेल बरसों तक सिर्फ सामान्य ज्ञान के विषय तक समेट दिये गए थे, लेकिन अब मिजाज बदला है, मूड नया है और माहौल नया है।’
उन्होंने कहा, ‘2014 से फर्स्ट और बेस्ट का जो सिलसिला शुरू हुआ है, युवाओं ने वह जलवा खेलों में भी कायम रखा है। आठ साल पहले तक भारत के खिलाड़ी सौ से भी कम अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेते थे, लेकिन अब 300 से भी ज्यादा में भाग ले रहे हैं। भारत के पदकों की संख्या भी बढ़ रही है और दमक भी।’ उन्होंने कहा कि आज फिट इंडिया और खेलों इंडिया जैसे प्रयास एक जन आंदोलन बन गए हैं और पिछले आठ साल में देश का खेल बजट करीब 70 प्रतिशत बढ़ा है।