छत्तीसगढ़ : पार्टी मना रहे अधिकारी का महंगा मोबाइल बांध में गिरा, पंप लगाकर बहा दिया लाखों लीटर पानी
कांकेर (छत्तीसगढ़), 26 मई। छत्तीसगढ़ के कांकेर से अफसरशाही की एक अयोग्य मिसाल सामने आई है, जब एक फूड इंस्पेक्टर के महंगे मोबाइल को तालाब से बाहर निकालने के लिए तालाब के ओवर फ्लो टैंक को ही खाली कर दिया गया।
दरअसल, जिले के पखांजुर के खेरकट्टा परलकोट तालाब में गत सोमवार को एक फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का सवा लाख रुपये का मोबाइल फोन गिर गया। इसके बाद फोन को निकालने के लिए वृहद अभियान शुरू हुआ। पहले गोताखोरों ने खुद पानी में उतरकर फोन को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। उसके बाद पंप लगाकर तालाब के ओवर फ्लो टैंक को ही पूरी तरह से खाली किया गया, तब जाकर गुरुवार सुबह फोन मिला।
In Kanker, #Chhattisgarh, an officer is accused of pouring 21 lakh liters of water for a mobile worth Rs 1 lakh, which could have irrigated 1,500 acres of land. ⤵️
Via-@Anurag_Dwary pic.twitter.com/qzINUDT4Gu
— Siraj Noorani (@sirajnoorani) May 26, 2023
सेल्फी लेते हुए तालाब में गिरा फोन
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते सोमवार को फूड ऑफिसर राजेश विश्वास अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने खेरकट्टा परलकोट तालाब गए थे। यहां राजेश तालाब के पास खड़े होकर अपनी सेल्फी क्लिक करने की जुगत लगा रहे थे, लेकिन तभी साहब का महंगा फोन तालाब के ओवर फ्लो होकर वहीं जमे पानी में गिर गया। पानी लगभग 15 फीट तक भरा हुआ था। बस फिर क्या था, शुरू हुआ साहब का फोन जलाशय से निकालने का महा अभियान, जो पूरे तीन दिनों तक चला।
फूड इंस्पेक्टर ने दिया यह जवाब
राजेश विश्वास ने बताया, ‘मेरा फोन सेल्फी लेते समय तालाब में गिर गया था। गोताखोरों के काफी कोशिश के बाद भी फोन नहीं मिला, जिसके बाद जल संसाधन के SDO से बात हुई तो उन्होंने बताया यह पानी यूज नहीं होता। इसलिए पांच फीट पानी को बाहर निकाला गया, जिसके बाद फोन मिल गया है।’ दूसरी तरफ जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी ने कहा कि परमिशन सिर्फ मौखिक तौर पर दी गई थी, लेकिन 10 फीट तक पानी खाली कर दिया गया।
लाखों लीटर पानी बर्बाद
इस तरह महज एक सरकारी अधिकारी के महंगे फोन के लिए, व्यर्थ ही इतना पानी बहाया गया। शायद इस अफसर के महंगे फोन की कीमत यहां इलाके के सैकड़ों किसानों के जीवन-यापन के साधन से बढ़कर ही है, जो इस कदर मई की झुलसाती गर्मी के मौसम में भी सिंचाई के पानी को ऐसे ही बिना सोचे समझे बर्बाद किया गया।