मध्य पूर्व की चेतावनी के बाद पाकिस्तान ने अपने 4300 भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला
इस्लामाबाद, 17 दिसम्बर। आतंकवाद, गधे और भिखारियों के निर्यात के लिए कुख्यात पाकिस्तान ने अपने 4,300 भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है। दरअसल, कई मध्य पूर्वी देशों ने इस्लामाबाद को चेतावनी दी है कि यदि उसने भिखारियों का निर्यात नहीं रोका तो कड़ी काररवाई की जाएगी।
पाकिस्तान ने इन्हीं चेतावनियों पर ध्यान देते हुए अब लगभग 4,300 भिखारियों को देश से बाहर जाने और सऊदी अरब पहुंचने से रोकने के लिए एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डाल दिया है। यह घोषणा सितम्बर में सऊदी अरब द्वारा उठाए गए अलार्म के बाद की गई है, जिसमें उसने पाकिस्तान से भिखारियों को उमराह और हज वीजा का दुरुपयोग करके मक्का और मदीना के पवित्र शहरों में भीख मांगने से रोकने के लिए कहा था।
सऊदी अरब जाने वाले भिखारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
दैनिक अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी ने बुधवार को सऊदी अरब के उप गृह मंत्री नासिर बिन अब्दुलअजीज अल दाऊद को सऊदी अरब में भिखारियों को भेजने के लिए जिम्मेदार ‘माफिया’ के खिलाफ इस्लामिक गणराज्य द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सऊदी अरब जाने वाले भिखारियों के खिलाफ पाकिस्तान ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
सऊदी अरब में पाकिस्तानी भिखारियों की विकट समस्या
वस्तुतः सऊदी अरब की चिंता बेवजह नहीं थी। सऊदी अरब की सड़कों, खास तौर पर मक्का, मदीना और जेद्दाह शहरों में पाकिस्तानी भिखारियों की भीड़ आम बात है और यह एक खतरा बन गया है। मुद्रास्फीति और बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण, पाकिस्तानियों को तीर्थयात्रा के बहाने सऊदी अरब सहित पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा करने के लिए जाना जाता है। कई लोग हज और उमराह वीजा पर सऊदी अरब में प्रवेश करते हैं और बाद में भीख मांगते हैं। इसके अलावा, सचिव ओवरसीज पाकिस्तानियों जीशान खानजादा के 2023 में दिए गए बयान के अनुसार, मक्का की ग्रैंड मस्जिद के अंदर गिरफ्तार किए गए 90 फीसदी जेबकतरे पाकिस्तानी हैं।
सऊदी अरब की जेलों में बंद हैं दर्जनों पाकिस्तानी भिखारी
सऊदी अरब के कानून के तहत, किसी भी रूप में, किसी भी उद्देश्य के लिए भीख मांगना अपराध माना जाता है। भीख मांगने वालों या इसमें सहायता करने, उकसाने या सुविधा प्रदान करने वालों के लिए छह माह तक की कैद और/या 50,000 रियाल तक के जुर्माने की सज़ा हो सकती है।
नतीजतन, दर्जनों पाकिस्तानी भिखारी सऊदी अरब की जेलों में बंद हैं। खानजादा के अनुसार, लगभग 10 मिलियन पाकिस्तानी नागरिक विदेश में रहते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या कथित तौर पर भीख मांगने में शामिल हैं (2023 तक)।
यूएई व इराक सहित कई पश्चिम एशियाई देशों में फैले हैं पाकिस्तानी भिखारी
पाकिस्तानी भिखारियों की घुसपैठ सिर्फ सऊदी अरब तक सीमित नहीं है वरन वे यूएई और इराक सहित कई पश्चिम एशियाई देशों में पहुंचे हुए हैं। सितम्बर 2023 में, तीर्थयात्रियों के वेश में 16 भिखारियों को कराची में सऊदी अरब जाने वाली एक फ्लाइट से उतार दिया गया और भीख मांगने के लिए जेद्दा जाने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।