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पाकिस्तान : निकाह के बाद पति संग भोले बाबा की शरण में पहुंचीं विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की बहन फातिमा

पाकिस्तान : निकाह के बाद पति संग भोले बाबा की शरण में पहुंचीं विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की बहन फातिमा

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कराची, 1 मई। पाकिस्तान की दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भतीजी और मौजूदा विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की बहन, लेखिका व सामाजिक कार्यकर्ता फातिमा भुट्टो ने अपनी शादी के बाद कराची के एक हिन्दू मंदिर में जाकर नई मिसाल कायम की है।

फातिमा और अमेरिकी ग्राहम जिब्रान का निकाह शुक्रवार को हुआ

मुर्तजा भुट्टो की 40 वर्षीया बेटी फातिमा का निकाह शुक्रवार को कराची में उनके दादा व पाकिस्तान के दिवंगत पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के पुस्तकालय में हुआ था। उसके बाद फातिमा और उनके पति ग्राहम जिब्रान रविवार को जैसे ही कराची में प्राचीन महादेव मंदिर पहुंचे, उनकी खबर ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी। फातिमा का हिन्दू मंदिर जाना प्राचीन काल में कराची में बसे पुराने हिन्दू सिंधियों को श्रद्धांजलि के रूप में देखा गया है।

मीडिया खबरों के मुताबिक फातिमा के पति ग्राहम अमेरिकी नागरिक हैं। मंदिर में फातिमा ने अपने पति (जो एक ईसाई हैं), भाई जुल्फिकार अली भुट्टो जूनियर और हिन्दू नेताओं के साथ विधि-विधान से पूजा की और भोलेनाथ का दूग्धाभिषेक किया।

सोशल मीडिया पर मंदिर में पूजा करने की उनकी तस्वीर खूब वायरल हो रही है। इस पर यूजर्स कई तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ट्विटर अकाउंट हैंडल ‘सिंधी-अजरक’ वाले एक यूजर ने तस्वीर पर कमेंट करते हुए लिखा, “ऐसी तस्वीरें देखना बहुत अच्छा लगता है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “लवली”।

लेकिन कई लोग इस बात से हैरान थे कि फातिमा एक हिन्दू मंदिर में क्या कर रही थीं। कुलसुम मुगल नाम के एक ट्विटर यूजर ने पूछा, “इस रस्म (अनुष्ठान) का मतलब क्या है?” एक अन्य यूजर ने कहा, “तो सिंध में धर्मनिरपेक्षता का मतलब क्या हिन्दू धर्म का पालन करना है।”

फातिमा के भाई ने एक ट्वीट में कहा कि पिछले कुछ समय से देशवासियों और देश की महिलाओं द्वारा महसूस की जा रही कठिन परिस्थितियों के कारण, हमें निकाह का जश्न भव्य रूप से मनाना अनुचित लगा। कृपया फातिमा और ग्राहम (जिब्रान) को अपनी प्रार्थनाओं में रखें और उन्हें शुभकामनाएं दें।”

ताकतवर होने के बावजूद त्रासदियों से काफी प्रभावित रहा है भुट्टो परिवार

गौरतलब है कि भुट्टो परिवार पाकिस्तान की राजनीति में काफी ताकतवर रहा है, लेकिन यह परिवार त्रासदियों से भी प्रभावित रहा है। जुल्फिकार अली भुट्टो को सैन्य तख्तापलट के बाद अप्रैल, 1979 में सैन्य तानाशाह जिया उल हक ने फांसी दे दी थी। उनकी सबसे बड़ी बेटी बेनज़ीर भुट्टो की, जो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रह चुकी थीं, दिसम्बर, 2007 में रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी।

इससे पहले सितंबर 1996 में क्लिफ्टन में भुट्टो के आवास के पास छह अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ उनके भाई मुर्तजा भुट्टो को भी पुलिस ने उस समय मार डाला था, जब उनकी बहन प्रधानमंत्री थीं। उनके छोटे भाई शाहनवाज भुट्टो भी 1985 में फ्रांस में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे।

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