विपक्ष ने संसद में राष्ट्रपति के संबोधन पर जताई नाराजगी, कहा – ‘झूठ से भरी हुई सरकारी स्क्रिप्ट’
नई दिल्ली, 27 जून। लोकसभा के पहले सत्र में भाजपा की अगुआई वाले सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं द्वारा आपातकाल पर की गईं टिप्पणियों को लेकर पहले ही हंगामा मचा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी आज दोनों सदनों के अपने संयुक्त संबोधन में वर्ष 1975 के उस दौर का जिक्र कर दिया। बस फिर क्या था, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेताओं ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए आरोप लगा दिया कि राष्ट्रपति के संबोधन की स्क्रिप्ट सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई थी और यह झूठ से भरी हुई थी। विपक्ष ने सदन में आपातकाल को लेकर लगातार बयानबाजियों पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया।
उल्लेखनीय है कि 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने पहले संबोधन में आपातकाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 25 जून, 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है।
अखिलेश ने पूछा – आपातकाल में सताए लोगों के लिए भाजपा ने क्या किया
फिलहाल राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रश्नवाचक लहजे में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी।
"किसान क्यों दुखी है, संकट में है, अगर यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कहानी बताई जा रही है? इतने बड़े पैमाने पर नौजवान बेरोजगार क्यों है?"
– श्री अखिलेश यादव जी, सांसद, कन्नौज लोकसभा pic.twitter.com/zMabsN8P7M
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 27, 2024
सपा प्रमुख ने सवालों की बौछार कर दी
अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही?
महुआ मोइत्रा बोलीं – सरकार ने उपलब्ध कराई स्क्रिप्ट
वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा का कहना था कि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में ऐसी स्क्रिप्ट को पढ़ा, जिसे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया था। मोइत्रा ने कहा, ‘भाजपा नेताओं को यह अहसास नहीं है कि उनके पास बहुमत नहीं है।’
राष्ट्रपति का संबोधन झूठ से भरा हुआ – सीपीआई (एमएल)
सीपीआई (एमएल) सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति को संबोधन पूरी तरह से झूठ से भरा हुआ था। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति के संबोधन को सुनकर ऐसा लगा, जैसे वह भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार कह रहीं हों। यह गठबंधन की सरकार है। राष्ट्रपति को मणिपुर के हालातों पर बात करनी चाहिए थी क्योंकि मणिपुर में हालात बहुत बुरे हो गए हैं।’
इस समय देश अघोषित आपातकाल का सामना कर रहा – सुदामा प्रसाद
सुदामा प्रसाद ने मणिपुर के हालातों का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 1995 के आपातकाल की पहले से घोषणा की गई थी, लेकिन यह अघोषित आपातकाल है। सत्तारूढ़ दल के नेता बार बार आपातकाल की बात कर रहे हैं, लेकिन इस समय देश उससे भी बड़े आपातकाल का सामना कर रहा है।’
कांग्रेस बोली – राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं
कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना था कि राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कहा, ‘आपातकाल के बाद भी देश में कई बार लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को हार मिली। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है।’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल की कड़ी निंदा की थी। 24 जून को लोकसभा का पहला सत्र शुरू होते ही पीएम मोदी ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान आपतकाल को देश पर काला धब्बा करार दिया था। उधर, लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने भी एक प्रस्ताव पढ़ा। उन्होंने आपातकाल देश को संविधान पर हमला करार दिया था।