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देशभर में ‘वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन’ पहल शुरू, छात्र व शोधकर्ता दुनियाभर के शीर्ष रिसर्च जर्नल्स का लाभ पा सकेंगे

देशभर में ‘वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन’ पहल शुरू, छात्र व शोधकर्ता दुनियाभर के शीर्ष रिसर्च जर्नल्स का लाभ पा सकेंगे

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नई दिल्ली, 1 जनवरी। केंद्र सरकार ने नववर्ष 2025 के पहले दिन एक जनवरी को ‘वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) पहल की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को दुनिया भर के महत्वपूर्ण शोध पत्रों और लेखों तक आसान पहुंच प्रदान करना है।

इस पहल के तहत भारत के 6,300 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में पढ़ने वाले करीब 1.8 करोड़ छात्रों और शोधकर्ताओं को दुनियाभऱ के 30 बड़े प्रकाशकों से नि:शुल्क 13,000 से अधिक शोध-पत्रिकाएं प्राप्त हो सकेंगी।

ONOS योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित

प्रधानमंत्री का विजन है कि 2047 तक भारत एक आत्मनिर्भर और विकसित देश बने, इसे साकार करने में अनुसंधान की बड़ी भूमिका होगी। इस योजना के लिए केंद्र ने 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किया है, जो 2025 से 2027 तक तीन वर्ष की अवधि के लिए है। इस धनराशि का उपयोग शोध पत्रिकाओं की सब्सक्रिप्शन शुल्क को कवर करने और भारतीय शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में अपने शोध प्रकाशित करने के लिए सहायता देने के लिए किया जाएगा।

स्वायत्त केंद्र INFLIBNET को दी गई है इसे लागू करने की जिम्मेदारी

एक स्वायत्त केंद्र INFLIBNET (इन्फ्लिबनेट) को इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह संस्था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अधीन काम करता है। इन्फ्लिबनेट इन सभी संस्थानों को डिजिटल रूप से शोध पत्रिकाओं की पहुंच प्रदान करेगा। यह पहल यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि भारत के सभी छात्र और शोधकर्ता, चाहे वे किसी भी क्षेत्र में हों, उच्च गुणवत्ता वाली शोध सामग्री का उपयोग कर सकें। इस योजना में छोटे शहरों और कस्बों के छात्रों के लिए भी अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी ताकि सभी को समान अवसर मिल सके।

यह पहल न केवल भारत के अनुसंधान ढांचे को सुदृढ़ करेगा बल्कि भारतीय शोधकर्ताओं को वैश्विक शोध समुदाय से जुड़ने का अधिक मौका देगा। साथ ही, शोधकर्ताओं के लिए एक और महत्वपूर्ण फायदा यह होगा कि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में अपने शोध प्रकाशित करने के लिए ‘आर्टिकल प्रोसेसिंग चार्जेज’ (APC) में काफी राहत मिलेगी।

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