जम्मू-कश्मीर मसले पर चिदंबरम ने पूछा – सरकार क्यों चाहती है कि गाड़ी आगे हो जाए और घोड़ा पीछे
नई दिल्ली, 25 जून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार की इस मंशा पर सवाल खड़ा किया है कि जम्मू-कश्मीर में पहले चुनाव कराया जाए और फिर उसका पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।
चिदंबरम ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि यह अजीबो-गरीब बात है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में पहले चुनाव कराना चाहती है और फिर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना चाहती है। कांग्रेस नेता के अनुसार केंद्र के विपरीत कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर की दूसरी पार्टियां चाहती हैं कि पहले पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और फिर चुनाव कराया जाए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में लिखा, ‘कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर की दूसरी पार्टियां एवं नेता पहले पूर्ण राज्य का दर्जा चाहते हैं और फिर चुनाव चाहते हैं। सरकार का जवाब है कि पहले चुनाव और फिर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।’
चिदंबरम ने कहा कि घोड़ा गाड़ी को खींचता है। पूर्ण राज्य में चुनाव कराना चाहिए। इस स्थिति में ही चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होंगे। सरकार क्यों चाहती है कि गाड़ी आगे हो जाए और घोड़ा पीछे। यह अजीबोगरीब बात है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के लगभग दो वर्षों बाद केंद्र सरकार ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता की पहल की। इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए वहां के 14 नेताओं के साथ गुरुवार को अपने आवास पर एक अहम बैठक बुलाई थी।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान निरस्त किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक थी, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित विभिन्न दलों के 14 नेताओं ने शिरकत की थी।