निर्वाचन आयोग के फैसले पर शरद पवार गुट ने कहा – लोकतंत्र की हत्या, दबाव में लिया गया निर्णय
मुंबई, 6 फरवरी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को असली राकांपा घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार देते हुए दावा किया कि कि यह दबाव में लिया गया निर्णय है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को दिन में निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘दीवार घड़ी’ भी आवंटित कर दिया।
ऐसा ही निर्णय शिवसेना के मामले में भी लिया गया था – अनिल देशमुख
फिलहाल निर्वाचन आयोग के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ‘यह लोकतंत्र की हत्या है। जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’ देशमुख ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला ‘ऊपर से दबाव’ के तहत दिया।
देशमुख ने कहा कि इसी तरह का निर्णय शिवसेना के मामले में भी लिया गया था। वह 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी और वह स्थापना के समय से ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।
शरद पवार को तगड़ा झटका, चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को माना असली NCP
राकांपा नेता ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह चंडीगढ़ मेयर चुनाव के संबंध में लोकतंत्र की हत्या की अनुमति नहीं दे सकता। इसके बावजूद निर्वाचन आयोग ने आज पार्टी के नाम और उसका चिह्न के संबंध में इसी तरह का निर्णय दिया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।’
सुप्रिया सुले बोलीं – शरद पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे
वहीं, शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे। शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
निर्वाचन आयोग के फैसले को विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं – अजित पवार
उधर, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने कहा कि वह उनके गुट को असली राकांपा घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भी फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले से साबित होता है कि पार्टी के अधिकतर कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं।