नई दिल्ली, 11 जनवरी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का सर्वाधिक लोकप्रिय और कमाऊ उपक्रम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) अब टाटा आईपीएल के नाम से जाना जाएगा। इसकी वजह यह है कि टाटा समूह अब आईपीएल का मुख्य प्रायोजक बन गया है। उसने चीनी मोबाइल निर्माता कम्पनी वीवो (Vivo) की जगह ली है। आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने मंगलवार को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में भारत में चीन विरोधी लहर के बीच वीवो ने आईपीएल के मुख्य प्रायोजन से हाथ खींच लिया था। उस समय ड्रीम-11 एक वर्ष के लिए आईपीएल का प्रायोजक रहा। हालांकि 2021 में वीवो कम्पनी ने बतौर मुख्य प्रायोजक फिर वापसी की थी। क्रिकेट की लोकप्रिय वेबसाइट ‘क्रिकबज’ की रिपोर्ट के अनुसार वीवो ने आईपीएल-2022 से खुद को अलग करने का फैसला किया है।
वीवो के साथ करार आईपीएल-2023 सीजन के बाद खत्म होना था
वीवो और बीसीसीआई ने वर्ष 2018 में आईपीएल के मुख्य प्रायोजन के लिए करार किया था। करार के तहत कम्पनी को हर वर्ष बीसीसीआई को 440 करोड़ देने थे। यह करार आईपीएल-2023 सीजन के बाद खत्म होना था। हालांकि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से पहले ही अलग होने का फैसला किया। वैसे बीसीसीआई और वीवो के बीच शुरुआती करार पांच वर्षों के लिए 2018 से 2022 तक का ही था, लेकिन बीच में एक वर्ष के ब्रेक के कारण इसे बढ़ाकर 2023 तक का किया गया था।
इस वर्ष 10 टीमों के बीच होनी है आईपीएल
मसाला क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग आईपीएल में इस वर्ष बड़े बदलाव भी देखे जाएंगे। मसलन, मुख्य प्रायोजक के अलावा आईपीएल में दो और नई टीमें – लखनऊ और अहमदाबाद की जुड़ने जा रही हैं। यानी इस बार 10 टीमों के बीच मुकाबला होना है। साथ ही खिलाड़ियों का मेगा ऑक्शन भी होना है।
कोरोना के चलते आईपीएल के पिछले दोनों सत्र प्रभावित रहे हैं
हालांकि , कोरोना महामारी की वजह से आईपीएल के पिछले दोनों सीजन काफी प्रभावित हुए हैं। 2020 का सीजन जहां यूएई में आयोजित किया गया। वहीं, पिछले वर्ष भी शुरुआती 29 मैच (नौ अप्रैल से चार मई) भारत में और फिर बचे 31 मैच (19 सितंबर से 15 अक्टूबर) यूएई में कराने पड़े थे। महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाले चेन्नई सुपर किंग्स ने दुबई में कोलकाता नाइट राइडर्स को 27 रनों से हराकर चौथी बार उपाधि जीती थी।