कोलकाता, 28 अगस्त। पश्चिम बंगाल में राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा बुलाए 12 घंटे के बंद के कारण बुधवार को कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ। राज्य में सुबह से ही कई स्थानों पर रेल और सड़क अवरोधों के कारण सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर असर पड़ा जिससे लोगों को असुविधा हुई।
राजधानी कोलकाता में सड़कों पर चहल-पहल कम है। सड़कों पर बहुत कम बस, ऑटो रिक्शा और टैक्सी नजर आ रही हैं। निजी वाहनों की संख्या भी कम है। हालांकि, बाजार और दुकानें पहले की तरह खुली हैं। स्कूल और कॉलेज खुले हैं लेकिन ज्यादातर निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति बेहद कम है क्योंकि उन्हें घर से काम करने को कहा गया है। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति पहले की तरह सामान्य है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने सियालदाह, श्यामबाजार, बड़ाबाजार और विप्रो मोड़ समेत शहर में कई स्थानों पर प्रदर्शन किया तथा पुलिस ने यातायात की आवाजाही के लिए उन्हें सड़कों से हटाने के वास्ते त्वरित कार्रवाई की। पूर्वी रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि बंद के समर्थकों ने राज्य में उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले 49 स्थानों पर रेल की पटरियां अवरुद्ध कर दीं।
उन्होंने बताया कि ज्यादातर स्थानों पर अवरोध हटा दिया गया लेकिन नौ स्टेशन पर अवरोध जारी है जिनमें से ज्यादातर स्टेशन सियालदाह दक्षिण सेक्शन पर हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में उत्तर 24 परगना के बनगांव स्टेशन, दक्षिण 24 परगना के गोचरण स्टेशन और मुर्शिदाबाद स्टेशन पर प्रदर्शन किया।
उत्तर 24 परगना के बैरकपुर स्टेशन पर उस समय तनाव व्याप्त हो गया, जब भाजपा समर्थक और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। सड़कों पर भाजपा समर्थकों के धरना प्रदर्शन के कारण उत्तरी पश्चिम बंगाल के कूचबेहार, अलीपुरद्वार, सिलीगुड़ी और मालदा तथा राज्य के दक्षिणी हिस्से में पुरुलिया, बांकुड़ा और कुछ अन्य स्थानों पर कुछ समय के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बाधित हुईं।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपने गृह जिले पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में एक विरोध मार्च की अगुवाई की। मालदा में एक सड़क अवरुद्ध करने को लेकर तृणमूल तथा भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी। पुलिस ने कार्रवाई कर भीड़ को तितर-बितर किया। अलीपुरद्वार में एक मुख्य सड़क को अवरुद्ध करने की कोशिश के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गयी।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘दफा एक दाबी एक, मुख्यमंत्रीर पदत्याग’ (एक ही मांग, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें) जैसे नारे लगाए। भाजपा ने मंगलवार को ‘नबान्न अभियान’ में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया है जो सुबह छह बजे शुरू हो गया।
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए राज्य सचिवालय (नबान्न) तक मार्च निकाला गया था। यह मार्च एक नवगठित छात्र समूह ‘छात्र समाज’ ने आयोजित किया था।