पटना, 10 अगस्त। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बिहार की कमान संभाल ली। राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश के साथ ही राजद नेता व लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने दूसरी बार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली और शपथ लेने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
गौरतलब है मौजूदा राजनीतिक हालात में मौके की नजाकत भांपते हुए नीतीश कुमार ने 24 घंटे पहले ही पलटी मारते हुए राजग गठबंधन के अपने सहयोगी भाजपा का साथ छोड़ दिया था। इस क्रम में उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद राजद व कांग्रेस की अगुआई वाले महागठबंधन के साथ मिलकर नई सरकार बनाने का फैसला किया। देखा जाए तो 22 वर्षों में यह आठवां मौका है, जब नीतीश कुमार राज्य के सीएम बने हैं। सबसे पहले वर्ष 2000 में महज सात दिनों तक कुर्सी संभालने के बाद अल्पमत में होने कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
गृह मंत्रालय नीतीश कुमार अपने पास ही रखेंगे
प्राप्त जानकारी के अनुसार अन्य मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। हालांकि महागठबंधन सरकार में विभागों को लेकर फॉर्मूला तय हो गया है। गृह मंत्रालय नीतीश कुमार अपने पास ही रखेंगे। पिछली सरकार में जदयू के पास जो मंत्रालय थे, वे उसके पास ही रहेंगे जबकि बीजेपी के पास जो मंत्रालय थे, वे आरजेडी-कांग्रेस को दिए जाएंगे।
राबड़ी देवी ने कहा – ‘मैं बहुत खुश हूं, पुराना सब माफ’
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने परिवार के साथ उपस्थित थीं। उनके साथ तेजस्वी की पत्नी भी मौजूद रहीं। राबड़ी देवी ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। ये सब आप लोगों की वजह से ही हुआ है।’ इतना ही नहीं इस दौरान राबड़ी ने यह भी कहा कि पुराना सब माफ है।
बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सफरनामा
- नीतीश कुमार वर्ष 2000 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। तब जदयू और भाजपा गठबंधन को 151 सीटें मिली थीं। हालांकि, 324 सीटों वाले राज्य में बहुमत के लिए 163 सीटें चाहिए थीं। नीतीश कुमार ने खुद को बहुमत साबित नहीं कर पाने की स्थिति में पाकर इस्तीफा दे दिया। वह मात्र सात दिन सीएम रहे थे।
- नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता में वापसी की। इस बार वह भाजपा के साथ गठबंधन में बहुमत हासिल करने में सफल रहे। उन्होंने 2010 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।
- 2010 में नीतीश कुमार पर जनता ने एक बार फिर भरोसा किया। उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली।
- 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा में पार्टी के बुरे प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
- एनडीए से अलग होने और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि फरवरी, 2015 में नीतीश कुमार से नाराज जीतन राम मांझी ने खुद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और नीतीश कुमार ने चौथी बार सत्ता संभाली।
- 2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव विधानसभा लड़े और उनके नेतृत्व में महागठबंधन को बहुमत मिला। नीतीश कुमार पांचवीं बार सीएम बने।
- 2017 में नीतीश कुमार ने नैतिकता का हवाला देकर महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसके बाद बीजेपी के साथ आकर सरकार बनाई। यह उनका छठा कार्यकाल था।
- 2020 में विधानसभा चुनाव में जदयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और एनडीए की सरकार बनी। हालांकि, जदयू 45 सीटों पर सिमट गई। इसके बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए सरकार बनी।
- अब नीतीश कुमार ने आठ वर्षों में दूसरी बार भाजपा का साथ छोड़ दिया है और महागठबंधन के साथ मिलकर आठवीं बार राज्य की कमान संभाल ली है।