वित्त मंत्री निर्मला बोलीं – कोरोना महामारी से निबटने में जी-20 देशों की भूमिका सराहनीय
वाशिंगटन, 14 अक्टूबर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा है कि कोरोना महामारी से उबरने के क्रम में सभी के लिए टीके की समान पहुंच उपलब्ध कराना प्रमुख चुनौतियों में एक है। वाशिंगटन डीसी में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गर्वनर्स की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने सहायता के लिए हाथ बढ़ाने, लचीला रुख अपनाने, टीकों का उत्पादन बढ़ाने और संरचनात्मक सुधारों की नीति बनाने के सुझाव दिए।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से इतर जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की यह बैठक हुई। बैठक में वैश्विक आर्थिक रिकवरी, महामारी में कमजोर देशों की मदद, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु के संबंध में काररवाई, अंतरराष्ट्रीय कराधान व्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र के मुद्दों पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई।
वित्त मंत्री निर्मला ने महामारी से निबटने में जी-20 देशों की भूमिका और कमजोर देशों को ऋणों के बोझ से राहत दिलाने के उपायों की सराहना की। उन्होंने जरूरतमंद देशों तक इन लाभों को पहुंचाने के प्रयासों पर ध्यान देने का सुझाव दिया।
निर्मला को कोयला संकट और लखीमपुर हिंसा पर बोस्टन में सफाई देनी पड़ी
अपने अमेरिका दौरे में वित्त मंत्री सीतारमण अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुईं। इसी दौरान बोस्टन के हार्वर्ड केनेडी स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें भारत में मौजूदा कोयला संकट और लखीमपुर हिंसा को लेकर पूछे गए सवालों को भी जवाब देने पड़े। निर्मला ने कोयला संकट की खबरों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि देश में कोयले का पर्याप्त स्टॉक है।
लेकिन लखीमपुर खीरी में हिंसक घटना को पूरी तरह निंदनीय करार देने के साथ निर्मला ने विपक्षियों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन उन्हें उसी समय उठाया नहीं जाता है, जब वह घटित होती है। उन्होंने कहा कि इन्हें तब उठाया जाता है, जब बीजेपीशासित किसी राज्य में घटित हों और कुछ लोगों के अनुकूल हों।