1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. कोविड-19 से कहीं ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस, मृत्यु दर 40 से 70 प्रतिशत
कोविड-19 से कहीं ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस, मृत्यु दर 40 से 70 प्रतिशत

कोविड-19 से कहीं ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस, मृत्यु दर 40 से 70 प्रतिशत

0
Social Share

नई दिल्ली, 15 सितम्बर। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल ने शुक्रवार को कहा कि निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में मृत्यु दर कोविड-19 महामारी की तुलना में बहुत अधिक है। बहल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जहां कोविड की मृत्यु दर दो से तीन प्रतिशत थी, वहीं निपाह की मृत्यु दर 40 से 70 प्रतिशत है।

कोविड-19 में मृत्यु दर दो से तीन प्रतिशत थी

आईसीएमआर महानिदेशक ने कहा कि वे दक्षिणी राज्य में घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि मामले क्यों सामने आ रहे हैं। 2018 में, हमने पाया कि केरल में इसका प्रकोप चमगादड़ों से संबंधित था। हम निश्चित नहीं हैं कि संक्रमण चमगादड़ों से मनुष्यों में कैसे पहुंचा। लिंक स्थापित नहीं किया जा सका। इस बार फिर हम जानने की कोशिश कर रहे हैं। बरसात के मौसम में ऐसा हमेशा होता है।’

ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की खुराक खरीदेगा भारत

आईसीएमआर डीजी के मुताबिक, भारत निपाह वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदेगा। उन्होंने कहा, ‘हमें 2018 में ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की कुछ खुराक मिलीं। वर्तमान में, खुराक केवल 10 रोगियों के लिए उपलब्ध हैं। 20 और खुराकें खरीदी जा रही हैं। हालांकि, संक्रमण के प्रारंभिक चरण के दौरान दवा दी जानी चाहिए। दवा की सुरक्षा स्थापित करने के लिए केवल चरण 1 का परीक्षण बाहर किया गया है। प्रभावकारिता परीक्षण नहीं किए गए हैं। इसे केवल दयालु उपयोग वाली दवा के रूप में ही दिया जा सकता है।’ गौर करने वाली बात यह है कि विश्व स्तर पर 14 रोगियों को सफलतापूर्वक एंटीबॉडी दी गई है, भारत में अब तक किसी को भी खुराक नहीं दी गई है।

केरल में निपाह का प्रकोप, कोझिकोड जिले में कड़े प्रतिबंध लागू

इस बीच केरल में कुल छह लोग घातक निपाह वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से दो की संक्रमण के कारण मौत हो गई। इसे देखते हुए कोझिकोड जिले में प्रतिबंध कड़े कर दिए गए हैं और प्रशासन ने सभी शैक्षणिक संस्थानों, पार्कों और समुद्र तटों को बंद कर दिया है। धार्मिक संस्थानों और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रार्थना सभाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

वहीं गुरुवार को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से संदिग्ध मामलों और उनके संपर्कों के 11 नमूने ‘नकारात्मक’ आए। इसके बाद, 15 अन्य नमूने एकत्र किए गए और परीक्षण के लिए भेजे गए।

निपाह वायरस क्या है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार निपाह वायरस संक्रमण एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों के माध्यम से मनुष्यों में फैलती है। यह चमगादड़ द्वारा खाए गए फल संपर्क में आने से दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे लोगों के बीच भी फैल सकती है। यह वायरस सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी घातक है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह वायरस सूअरों जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान हो सकता है।

निपाह वायरस के लक्षण कोविड-19 के समान

निपाह वायरस के लक्षण कोविड-19 के समान हैं। इनमें खांसी, गले में खराश, चक्कर आना, उनींदापन, दांतों में दर्द, थकान, एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन), सिरदर्द, मानसिक भ्रम और दौरा पड़ना शामिल हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code