कोरोना से राहत : उत्तर प्रदेश में खत्म हुआ रात्रिकालीन कर्फ्यू, अब सिर्फ 112 सक्रिय मामले
लखनऊ, 20 अक्टूबर। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में खात्मे की ओर बढ़ चले कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पिछले लगभग छह माह से लागू रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू हटा लिया गया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से बुधवार की शाम जारी आदेश में यह घोषणा की गई। हालांकि नाइट कर्फ्यू हटने के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी रहेगा।
अवनीश अवस्थी ने एक बयान में कहा, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में बुधवार रात 11 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कोरोना कर्फ्यू हटाया जा रहा है।’ इसे लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश भेज दिए गए हैं।
नाइट कर्फ्यू हटने के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी
फिलहाल कोरोना संक्रमण राज्य में अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए यह समय सतर्कता एवं सावधानी बरतने का है। इसे देखते हुए अवनीश अवस्थी ने संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरंतर सुदृढ़ बनाए रखते हुए कोविड नियमों के तहत सभी पर्व एवं त्योहारों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया जाए।
अप्रैल के मध्य में राज्य के कुछ जिलों से नाइट कर्फ्यू की हुई थी शुरुआत
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद सबसे पहले अप्रैल के मध्य में राज्य के कुछ जिलों में रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लगाया गया था। इसके बाद 30 अप्रैल को पहली बार पूरे राज्य में हर हफ्ते शुक्रवार रात्रि आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी गई थी। फिलहाल हालत सुधरने के बीच धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई गईं और अब रात्रिकालीन कर्फ्यू भी उठा लिया गया।
राज्य में 24 घंटे के दौरान सिर्फ 11 नए मामले
इस बीच उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोरोना के सिर्फ 11 नए मामले दर्ज किए गए और 17 लोग स्वस्थ घोषित किए गए। राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार राज्य में अब सिर्फ 112 सक्रिय मामले हैं।
अब लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर में ही 10 से ज्यादा एक्टिव केस
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 75 जिलों वाले राज्य में बुधवार को 41 जिले संक्रमण मुक्त पाए गए। इसी क्रम में 24 घंटे के दौरान 66 जिले रहे, जहां एक भी नए केस नहीं मिले। अब सिर्फ लखनऊ (19) और गौतम बुद्ध नगर (16) के रूप में दो ही जिले हैं, जहां 10 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं जबकि 17 जिलों में एक-एक केस हैं।