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गुजरात : आज होगा विजय रूपाणी के उत्तराधिकारी के नाम का एलान

गुजरात : आज होगा विजय रूपाणी के उत्तराधिकारी के नाम का एलान

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गांधीनगर, 12 सितम्बर। गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के शनिवार को अचानक नाटकीय अंदाज में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद रविवार को यहां होने वाली सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक दल की बैठक में उनके उत्तराधिकारी का फैसला होगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सम्भावित उपस्थिति में होने वाली इस बैठक में में शामिल होने के लिए दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन -दीव के साथ ही लक्ष्यद्वीप केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक और गुजरात के पूर्व मंत्री प्रफुल्ल खोडा पटेल (64) को भी कथित तौर पर आमंत्रित किया गया है।

प्रफुल्ल खोडा पटेल उस समय गुजरात के गृह राज्य मंत्री बनाए गए थे, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में वर्ष 2010 में अमित शाह को सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था। उनके परिवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गहरा जुड़ाव रहा है। इस बात को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं। रूपाणी के इस्तीफे के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर हालांकि भाजपा ने कल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था और इसके सभी बड़े नेता चुप्पी साधे रहे थे, लेकिन दिनभर कई नाम राजनीतिक हलकों में उछलते रहे थे।

अधिकतर राजनीतिक प्रेक्षकों का यह मानना है कि अगला मुख्यमंत्री राज्य में दबंग माने जाने वाले पाटीदार समुदाय का होगा। जो नाम अब तक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे माने जा रहे हैं, उनमें पाटीदार जाति के दो केंद्रीय मंत्री सर्वश्री मनसुख मांडविया, परशोत्तम रूपाला, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष गोरधन झड़फ़िया, पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल, निवर्तमान कृषि मंत्री आर सी फलदु प्रमुख हैं।

इनके अलावा राज्य के क़ानून मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल, वन मंत्री गणपत वसावा जैसे गैर पाटीदार नेताओं के नाम भी इस रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। हालांकि प्रेक्षक प्रफुल्ल पटेल, नितिन पटेल और मनसुख मांडविया को सबसे मजबूत दावेदार मान रहे हैं।

प्रेक्षकों का मानना है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के इस गृह प्रदेश में जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, उसे केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा और विधायक दल की बैठक में बस औपचारिकता ही होगी। यह भी कहा जा रहा है कि मात्र करीब 14 प्रतिशत वोटर वाले पाटीदार समुदाय को मुख्यमंत्री पद देने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आदिवासी जैसे अपेक्षाकृत अधिक मतदाता प्रतिशत वाले समुदाय को रिझाने के लिए एक या दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते हैं।

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