पंजाब : नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला कोर्ट में किया सरेंडर, रोड रेज मामले में हुई है एक वर्ष की सजा
पटियाला, 20 मई। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलते देख शुक्रवार को पटियाला सत्र अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वह न्यायिक हिरासत में हैं। अब मेडिकल जांच व अन्य कानूनी प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के एक रोड रेज मामले में पीड़ित परिवार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद अपना पूर्व निर्णय बदल दिया और सिद्धू को दोषी करार देते हुए गुरुवार को उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। अपने पूर्व निर्णय में शीर्ष अदालत ने मई, 2018 में सिद्धू को 65 वर्षीय बुजुर्ग को ‘जान बूझकर चोट पहुंचाने’ के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन उन्हें केवल 1,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। उस बुजुर्ग की बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।
पूर्व क्रिकेटर को सुप्रीम कोर्ट से कुछ हफ्तों की मोहलत नहीं मिली
इसके पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ‘चिकित्सा से जुड़े मामलों को सुव्यवस्थित करने’ का हवाला देते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में उन्हें सुनाई गई एक साल कैद की सजा के लिए आत्मसमर्पण करने के वास्ते कुछ हफ्तों की मोहलत देने का अनुरोध किया था।
सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति जे. बी. परदीवाला की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए। सिंघवी ने पीठ से कहा, ‘निश्चित तौर पर वह जल्द ही आत्मसमर्पण करेंगे। हमें आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए। यह (फैसला) 34 साल बाद (आया) है। वह अपने चिकित्सीय मामलों को सुव्यवस्थित करना चाहते हैं।’
पीठ ने सिंघवी से कहा, ‘मामले में फैसला एक विशेष पीठ ने दिया है। आप यह अर्जी प्रधान न्यायाधीश के समक्ष दाखिल कर सकते हैं। अगर प्रधान न्यायाधीश आज पीठ का गठन करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे। अगर पीठ उपलब्ध नहीं है तो इसका गठन किया जाएगा। उस (रोड रेज) मामले के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया गया था।’ इस पर सिंघवी ने कहा कि वह मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश के समक्ष पेश करने की कोशिश करेंगे।