बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू, सैन्य बल तैनात, अब तक 105 लोगों की मौत
ढाका, 19 जुलाई। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर देश में कई दिनों से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर शुक्रवार की रात राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा कर दी और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 105 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।
सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने यह घोषणा की। यह घोषणा पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी और राजधानी में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद की गई। कादर ने कहा कि नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।
छात्रों ने जेल में आग लगाकर छुड़ाए सैकड़ों कैदी
इस बीच शुक्रवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने नरसिंगडी जिले की एक जेल की इमारत में आग लगा दी और सैकड़ों कैदियों को मुक्त करा दिया। स्थानीय पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को छात्र प्रदर्शनकारियों ने मध्य बांग्लादेश के नरसिंगडी जिले की एक जेल से ‘सैकड़ों’ कैदियों को छुड़ाया और फिर जेल की इमारत में आग लगा दी।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने की जेलब्रेक की पुष्टि
एक पुलिस अधिकारी के हवाले से एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में जानकारी दी गई, ‘कैदी जेल से भाग गए और प्रदर्शनकारियों ने जेल में आग लगा दी। मुझे कैदियों की संख्या नहीं पता, लेकिन यह संख्या सैकड़ों में होगी।’ एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जेलब्रेक की खबर की पुष्टि की, लेकिन आगे कोई विवरण नहीं दिया।
वहीं ढाका के पुलिस बल ने हिंसा रोकने के प्रयास में आज के लिए सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था। पुलिस प्रमुख हबीबुर रहमान ने कहा, ‘हमने आज ढाका में सभी रैलियों, जुलूसों और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है। सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम ज़रूरी था।’
जारी रहेगा हमारा विरोध : प्रदर्शनकारी
उधर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हमारा विरोध जारी रहेगा। हम शेख हसीना का तत्काल इस्तीफ़ा चाहते हैं। ये सरकार हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार है।’ इस बीच अस्पतालों द्वारा दी गई पीड़ितों की संख्या के हवाले से कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अब तक इन प्रदर्शनों में कम से कम 64 लोगों की मौत हो चुकी है।