नई दिल्ली 23 दिसम्बर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश में ही विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली ‘प्रलय’ मिसाइल का गुरूवार को लगातार दूसरा सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा में डा ए पी जे अब्दुल कलाम द्वीप पर लगातार दूसरे दिन किया गया। बुधवार को इस मिसाइल का पहला परीक्षण किया गया था। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपने मिशन के सभी लक्ष्यों को पूरा किया।
इस परीक्षण से मिसाइल दोनों कॉन्फिग्रेशन में सफलता की कसौटी पर खरी उतरी है। आज के परीक्षण में प्रलय को भारी पेलोड और अलग अलग दूरी के लिए दागा गया तथा इसका निशाना सटीक रहा। इस दौरान मिसाइल की अनेक उपकरणों से निगरानी की गयी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी ने परीक्षण से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी है।
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल
सूत्रों ने बताया कि एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुबह करीब साढ़े दस बजे प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। उन्होंने कहा कि निगरानी उपकरणों के जरिए तट रेखा से इसके प्रक्षेपण की निगरानी की गई। ‘प्रलय’ 350-500 किलोमीटर से कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है और यह 500-1000 किलोग्राम का भार वहन करने में सक्षम है।