उत्तर प्रदेश : पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह वेंटिलेटर पर शिफ्ट, रक्षा मंत्री राजनाथ और सीएम योगी अस्पताल पहुंचे
लखनऊ, 21 जुलाई। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) में गत चार जुलाई से इलाजरत उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत गंभीर हो गई है। सांस लेने में दिक्कत ज्यादा बढ़ने के बाद उन्हें हाई प्रेशर ऑक्सीजन मास्क (एनआईवी) पर रखा गया था, लेकिन स्थिति अनियंत्रित होते देख उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया।
89 वर्षीय भाजपा नेता के परिवारीजन भी एसजीपीजीआई में मौजूद हैं। इस दौरान बुधवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने कल्याण सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस दौरान दोनों नेताओं ने ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
गत 4 जुलाई को लोहिया संस्थान से पीजीआई शिफ्ट किए गए थे
गौरतलब है कि वयोवृद्ध नेता की हालत बिगड़ने पर इसी माह तीन जुलाई को राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान में भर्ती कराया गया था। वहां से अगले ही दिन कल्याण सिंह को पीजीआई में शिफ्ट कर दिया गया था। आईसीयू में भर्ती कल्याण सिंह को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने पर आज वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया।
संस्थान के डॉक्टरों के अनुसार बीते शनिवार से पूर्व सीएम की हालत चिंताजनक बनी हुई है। सोमवार की रात उनकी तबीयत अधिक बिगड़ने के बाद परिवार के लोगों को भी अस्पताल बुला लिया गया था। मंगलवार को कई जांचों के बाद डाक्टरों ने हालत नियंत्रित होने की बात कही। लेकिन अब फिर उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे और फिर राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का पद संभाल चुके कल्याण सिंह को चैतन्यता की समस्या थी। लोहिया संस्थान में जांच के दौरान उनमें अनियंत्रित ब्लड शुगर के साथ एक्यूट बैक्टीरियल इंफेक्शन की शिकायत पाई गई थी। उनके शरीर में सूजन और संक्रमण मिला भी था। मस्तिष्क के सीटी स्कैन में खून का थक्का भी पाया गया। इसके अलावा माइनर हार्ट अटैक भी लक्षण पाए गए थे। उन्हें गत चार जुलाई को लोहिया संस्थान से एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया था।
चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम कर रही इलाज
कल्याण सिंह के इलाज के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। इनमें प्रो. बनानी पोद्दार, प्रो. अफजल अहमद, प्रो. नारायण प्रसाद, प्रो. सुनील प्रधान, प्रो. वीके पालीवाल, प्रो. ईश भाटिया और प्रो अमित केसरी हैं। उनकी निगरानी में संस्थान के निदेशक हेपेटोलॉजिस्ट प्रो. आरके धीमान और सीएमएस एवं इंडो सर्जन प्रो. गौरव अग्रवाल भी लगे हैं।