केंद्रीय कैबिनेट की बैठक : बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़, गांवों में नेट सहित कई प्रस्ताव मंजूर
नई दिल्ली, 30 जून। केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में कोरोना राहत पैकेज से लेकर बिजली क्षेत्र में सुधारीकरण व सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के फैसलों की केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को जानकारी दी।
कैबिनेट के अहम फैसलों के तहत मोदी सरकार की तरफ से विद्युत वितरण व्यवस्था में सुधारीकरण के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए। वहीं, देश के प्रत्येक गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत 19 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।
नवंबर तक मुफ्त राशन के लिए 93 हजार करोड़ का बजट
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि दो दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड की दूसरी लहर के कारण 6.28 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, उसे भी मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि नवंबर तक 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन दिया जाएगा। इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। कैबिनेट ने इसके लिए 93,000 करोड़ रुपये के बजट की मंजूरी दे दी है।
इसी प्रकार बिजली क्षेत्र में सुधारीकरण के लिए केंद्र ने 3.03 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके तहत राज्य सरकारों की ओर से प्लान मांगा जाएगा, जिसके तहत केंद्र की ओर से उन्हें पैसा दिया जाएगा।
पुरानी एचटी-एलटी लाइनें बदली जाएंगी
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने जानकारी दी कि बड़े शहरों में ऑटोमैटिक सिस्टम को लागू करने की तैयारी है। इसके तहत सोलर सिस्टम को मजबूत करने की भी योजना है। पुरानी एचटी-एलटी लाइनों को बदला जाएगा, ताकि 24 घंटे बिजली की ओर कदम बढ़ाया जा सके। साथ ही गरीबों के लिए प्रतिदिन रिचार्ज सिस्टम लाया जाएगा।
भारत नेट के लिए 19 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी
दूसरी तरफ केंद्रीय कानून एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रत्येक गांव तक इन्फॉर्मेशन हाईवे पहुंचे, इसके लिए सरकार ने फैसला लिया है। इस निमित्त भारत नेट परियोजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसके तहत गांव-गांव में ब्रॉडबैंड सिस्टम को पहुंचाने का काम किया जाएगा।
3 लाख से अधिक गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा
देश के 16 राज्यों में भारत नेट को पीपीपी मॉडल (30 वर्ष का एग्रीमेंट) के तहत मंजूरी दी गई है। कुल प्रोजेक्ट 29 हजार करोड़ तक का है, जबकि भारत सरकार का 19 हजार करोड़ का हिस्सा है। इससे तीन लाख से अधिक गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना में कुल नौ पैकेज आएंगे जबकि एक प्लेयर को अधिकतम चार पैकेज दिए जाएंगे।