नई दिल्ली, 24 अक्टूबर। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सेक्युलरिज़्म को ‘सियासी सुविधा का साधन’ बनाने वाली सियासत ने पंथनिरपेक्षता की मूल संवैधानिक भावना के साथ ‘राजनैतिक छल’ किया है। नकवी ने आज यहाँ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाजपा के लिए सेक्युलरिज़्म संवैधानिक प्रतिबद्धता है जबकि ‘छद्म सेक्युलर सियासी सिंडिकेट’ के लिए ‘सियासी सुविधा का साधन’ है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में अल्पसंख्यक वोटों के ‘सियासी सौदागरों’ ने अल्पसंख्यकों के शोषण की “75 शतरंजी चालें’’ चली हैं। कभी भय की चाल, कभी भ्रम की ढ़ाल, कभी धर्म का जाल तो कभी अफवाहों-आशंकाओं के बवाल से वोटों का अपहरण करते रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास’, समावेशी संकल्प और संवैधानिक प्रतिबद्धता है। मोदी सरकार समाज के सभी वर्गों के ‘सम्मान के साथ सशक्तिकरण’ के रास्ते पर मजबूती और पूरी ईमानदारी से चल रही है।
नकवी ने कहा कि कुछ ‘सेक्युलरिज़्म के सियासी सूरमाओं’ ने ‘कम्युनल टिफिन’ में ‘सेक्युलर टमाटर’ के ‘पाखंडी फॉर्मूले’ से अल्पसंख्यकों का बेदर्दी-बेशर्मी के साथ राजनैतिक शोषण कर, उनके मूलभूत आर्थिक-सामाजिक-शैक्षिक सरोकार को नजरअंदाज किया। देश में अधिकांश समय तक सत्ता सुख भोगने वाले राजनीतिक दलों ने ‘भय-भ्रम का भूत’ खड़ा कर ‘बांटों और राज करो’का रास्ता अपनाया।
नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज को ऐसे ‘सियासी सौदागरों’ से होशियार रहना होगा जो ‘सेक्युलरिज़्म के चोले में वोटों के अपहरण का खेल’ करने में लगे हैं। लेकिन अब अल्पसंख्यक समाज ऐसे ‘वोट के सौदागरों’ के ‘सियासी शोषण’ से ‘वोटों के अपहरण’ की चालबाजी को समझ गया है एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं भाजपा की नीतियों के साथ खड़ा हो रहा है। हमारे लिए ‘विकास का मसौदा’, ‘वोट का सौदा’ ना था ना रहेगा।