बिहार में मतदाता सूची से कटेंगे 65 लाख वोटरों के नाम! SIR में अब तक 99.80 फीसदी मतदाता कवर
नई दिल्ली, 25 जुलाई। बिहार में जारी मतदाता सूची के गहन विशेष पुनरीक्षण (SIR) के तहत करीब 65.2 लाख वोटरों के नाम कट सकते हैं। इनमें वो मतदाता शामिल हैं, जो दिवंगत हो चुके हैं अथवा स्थायी रूप से कहीं और पलायन कर चुके हैं या फिर एक से ज्यादा जगह पर नामांकित हैं। इस बीच एसआईआर प्रक्रिया में अब तक 99.86 प्रतिशत वोटर कवर किए जा चुके हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से शुक्रवार को जारी नोट में यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
इन कारणों से हटेंगे 65 लाख वोटरों के नाम
एसआईआर प्रक्रिया के तहत निर्वाचन आयोग की वोटर लिस्ट में करीब 22 लाख मतदाता मृत मिले। लगभग 7 लाख वोटरों का नाम एक से ज्यादा जगह पर मिले। करीब 35 लाख वोटर प्रवास कर चुके हैं। करीब 1.2 लाख वोटरों का गणना फॉर्म नहीं मिला। इन सभी आंकड़ों का योग 65.2 लाख होता है। ऐसे में बिहार की वोटर लिस्ट से 65.2 लाख वोटरों के नाम हट सकता है।
EC के अनुसर 7.23 करोड़ लोगों ने SIR में भाग लिया
निर्वाचन आयोग के अनुसार 7.23 करोड़ वोटरों ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया में भाग लिया है। इस कड़ी में अब तक बिहार के 99.86 प्रतिशत वोटर कवर किए जा चुके हैं, जिनके फॉर्म ऑनलाइन अपलोड भी किए जा चुके हैं। इन सभी मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे। शेष बचे मतदाताओं के प्रपत्रों तथा बीएलओ की रिपोर्ट का डिजिटलीकरण कार्य भी एक अगस्त 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
हालांकि आयोग ने यह साफ किया है कि ऐसे सभी मतदाताओं के, जो फॉर्म नहीं भर पाए, पास अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने का एक सितम्बर तक मौका है। चुनाव आयोग ने बताया कि फॉर्म न भरने वाले, मृतक और स्थायी रूप से प्रवास कर चुके वोटरों की लिस्ट राज्य के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों से साझा किया जा चुका है। 20 जुलाई को राजनीतिक दलों की यह लिस्ट दी गई। ताकि किसी भी त्रुटि को एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में सुधारा जा सके। आयोग ने यह भी बताया कि एक अगस्त से एक सितम्बर तक कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल किसी योग्य वोटर का नाम छूटने की आपत्ति ERO फॉर्म भरकर दे सकते हैं।
