बजरंग पुनिया को झटका : नाडा ने ओलम्पिक कांस्य विजेता पहलवान पर लगाया 4 वर्ष का प्रतिबंध
नई दिल्ली, 27 नवम्बर। टोक्यो ओलम्पिक खेलों के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया को फिर झटका लगा, जब नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) ने उन पर चार वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। पुनिया के खिलाफ राष्ट्रीय टीम के चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार करने की वजह से यह काररवाई की गई है। इस प्रतिबंध के बाद बजरंग पुनिया अब चार वर्ष तक समयावधि में प्रतिस्पर्धी कुश्ती में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। साथ ही विदेश में कोचिंग का रोल भी नहीं निभा पाएंगे।
UWW ने भी पुनिया को निलंबित किया था
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी नाडा ने 23 अप्रैल, 2024 को बजरंग पुनिया को अस्थाई रूप से सस्पेंड किया था। इसके बाद विश्व कुश्ती संचालन संस्था (UWW) ने भी बजरंग को निलंबित कर दिया था। पुनिया ने निलंबन के खिलाफ सफलतापूर्वक अपील की। नाडा के एंटी-डिसिप्लिनरी डोपिंग पैनल (ADDP) ने 31 मई, 2024 को इसे आरोप की औपचारिक सूचना लंबित होने के कारण रद कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुनवाई के बाद नाडा के एंटी-डोपिंग नियमों के अनुच्छेद 10.3.1 के अनुसार पुनिया पर प्रतिबंध की पुष्टि की गई, जो जान बूझकर डोप परीक्षण से बचने से संबंधित है, जिसे एंटी-डोपिंग नियम का उल्लंघन माना जाता है।
सुनवाई के दौरान पुनिया ने दिया ये तर्क
सुनवाई के दौरान पुनिया ने तर्क दिया कि परीक्षण के लिए नमूना देने से उनका इनकार जान बूझकर नहीं था, बल्कि नाडा की प्रक्रियाओं में अविश्वास और अविश्वास के कारण था। उन्होंने यह भी दावा किया कि सैंपल कलेक्टर एक्सपायर हो चुकी किट का इस्तेमाल कर रहा था और पिछले उदाहरणों का हवाला दिया, जिसमें कथित तौर पर एक्सपायर हो चुकी टेस्टिंग किट मुहैया कराई गई थी।
बजरंग ने दावा किया कि उनकी आपत्ति NADA द्वारा ‘एक्सपायर हो चुकी किट’ का इस्तेमाल करने पर थी न कि सैंपल मुहैया कराने पर। पुनिया ने यह भी दावा किया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के साथ उनके विवाद और इसके पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से स्थिति और बिगड़ गई।
NADA का कथन – एथलीट की हरकतें जान बूझकर की गई थीं
वहीं NADA ने कहा कि एथलीट की हरकतें जान बूझकर की गई थीं। डोप टेस्ट के लिए एथलीट द्वारा मूत्र का नमूना देने से साफ इनकार करना जान बूझकर किया गया कृत्य था और 2021 के नियमों के अनुच्छेद 20.1 और 20.2 में उल्लिखित एंटी-डोपिंग जिम्मेदारियों के प्रति उपेक्षा को प्रदर्शित करता है।
भारत के सफल पहलवानों में से एक हैं बजरंग पुनिया
इसमें कोई दो राय नहीं कि बजरंग पुनिया भारत के सबसे सफल पहलवानों में से एक रहे हैं, जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई चैम्पियनशिप और राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में कई पदक जीते हैं। उनका एक दशक लंबा अंतरराष्ट्रीय करिअर 2013 में नई दिल्ली में एशियाई चैम्पियनशिप से शुरू हुआ था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आए। उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।
