मप्र : भोपाल गैसकांड की बरसी पर सीएम शिवराज व नरोत्तम मिश्रा ने दिवंगतों को दी श्रद्धांजलि
भोपाल, 3 दिसम्बर। विश्व की भीषणतम औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैसकांड की बरसी पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसमें मारे गए हजारों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। सीएम शिवराज ने गैसकांड की 37 वीं बरसी पर ट्वीट के जरिए लिखा है, ‘भोपाल गैस त्रासदी में हमने अनेक अमूल्य जिंदगियों को असयम खो दिया, उन समस्त दिवंगत आत्माओं को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। धरती पर ऐसी त्रासदी की पुनरावृत्ति नहीं कभी न हो। सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों से ऐसी मानवीय भूलों को हम रोक सकते हैं।’
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज भोपाल गैस त्रासदी की 37वीं बरसी पर दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सजग और संवेदनशील रहकर हम ऐसी मानवीय भूलों को रोक सकते हैं। नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा कि आज का दिन एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हम सभी के लिए यह संकल्प लेने का दिन है कि अब कभी भी ऐसी मानवनिर्मित त्रासदी दोबारा न हो। सजग और संवेदनशील रहकर हम ऐसी मानवीय भूलों को रोक सकते हैं।
बता दें कि भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने से 2 और 3 दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात्रि में जहरीली मिथाइल आइसो सायनेट (मिक) गैस के रिसाव के कारण हजारों लोगों की मौत हो गयी थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे। हजारों लोग आज भी इस हादसे के 37 वर्षों बाद इसके दुष्प्रभाव झेलने को मजबूर हैं। गैसकांड की बरसी पर आज गैस पीड़ितों के हित में कार्य करने वाले संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन और श्रद्धांजलि सभाएं भी आयोजित की गयी हैं।
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इंफरमेशन एंड एक्शन और डाव कार्बाइड के खिलाफ बच्चे जैसे संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता दिन में प्रभावितों की विभिन्न मांगों के समर्थन में रैली निकालेंगे। ये संगठन पिछले कुछ दिनों से गैसकांड से संबंधित सवाल उठाते आ रहे हैं।
इसके अलावा गैसकांड की पूर्व संध्या पर कल यहां सिंधी कालोनी चौराहे से यूनियन कार्बाइड कारखाने तक मशाल जुलूस निकाला गया और गैसकांड में मारे गए नागरिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इन संगठनों का कहना है कि गैसकांड के असल दोषियों को अब तक सजा नहीं मिल पायी है। इसके अलावा प्रभावितों का पुनर्वास बेहतर ढंग से अब तक नहीं हो पाया है। पीड़ितों के उचित इलाज की व्यवस्थाएं भी नहीं हो सकी हैं।