ई-श्रम पोर्टल पर 2 माह से कम समय में 4 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने कराया पंजीकरण : भूपेंद्र यादव
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर। असंगठित श्रमिकों पर आधारित भारत के पहले राष्ट्रीय डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल पर दो माह से भी कम समय में चार करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को एक ट्वीट संदेश में यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि पंजीकरण कराने से असंगठित कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ सरलता से मिल सकेगा।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा शुरू ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का लगातार पंजीकरण हो रहा है। दो माह से भी कम समय में 4 करोड़ से अधिक असंगठित कामगार पंजीकरण कर चुके हैं। इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने से असंगठित श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ सरलता से मिल सकेगा। pic.twitter.com/Vmq70cs8Rj
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) October 17, 2021
ओडिशा, बंगाल, यूपी, बिहार और एमपी के कामगार सबसे आगे
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के मामले में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के कामगार सबसे आगे हैं। इसी क्रम में कृषि और निर्माण क्षेत्र से सबसे अधिक संख्या में श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। सामान्यतः निर्माण, परिधान निर्माण, मछली पकड़ने, गिग और प्लेटफॉर्म वर्क, स्ट्रीट वेंडिंग, घरेलू कार्य, कृषि और संबद्ध कार्यों, परिवहन क्षेत्र जैसे विविध व्यवसायों से जुड़े श्रमिकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इनमें कुछ क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों की एक बहुत बड़ी संख्या भी जुड़ी हुई है।
पंजीकृत श्रमिकों में महिलाओं की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल पर 4.09 करोड़ श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से लगभग 50.02 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं और 49.98 प्रतिशत पुरुष हैं। यह उत्साहजनक है कि पुरुषों और महिलाओं का समान अनुपात इस अभियान का हिस्सा रहा है।
गौरतलब है कि श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव, उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, सुनील बर्थवाल (सचिव, एल एंड ई) और मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) तथा सीएलसी के अन्य क्षेत्रीय अधिकारी असंगठित श्रमिकों और ट्रेड यूनियन के नेताओं और मीडिया के साथ ई-श्रम पोर्टल की विशेषताओं और लाभों के बारे में जागरूक बनाने के लिए कई दौर की बातचीत कर रहे हैं, ताकि श्रमिकों को उपलब्ध तरीकों के द्वारा खुद को पंजीकृत कराने और कई सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।