मोदी कैबिनेट ने रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए NTPC को 20,000 करोड़ रुपये तक के निवेश की दी मंजूरी
नई दिल्ली, 16 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने बुधवार को एनटीपीसी लिमिटेड को एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और उसके अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कम्पनियों में निवेश के लिए 20,000 करोड़ रुपये तक के परिव्यय के साथ रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित करने के लिए बिजली के बढ़े हुए आवंटन को मंजूरी प्रदान कर दी।
कैबिनेट ने महारत्न सीपीएसई को विद्युत आवंटन के मौजूदा दिशानिर्देशों से एनटीपीसी लिमिटेड को विद्युत आवंटन में वृद्धि की अनुमति दी है ताकि वह अपनी सहायक कम्पनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) में निवेश कर सके और इसके बाद, एनजीईएल एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) और उसकी अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कम्पनियों में निवेश कर सके। वर्ष 2032 तक 60 गीगावाट क्षमता हासिल करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) क्षमता बढ़ाने के लिए यह राशि पूर्व में स्वीकृत 7,500 करोड़ रुपये की निर्धारित सीमा से बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
💠 #Cabinet approves enhanced delegation of power to @ntpclimited for investing in renewable energy
The green capacity of NTPC is 6 GW, currently. The resolution to enhance it to 26 GW is included in the decision and the target to reach 60 GW by 2032 has been set
💠 Cabinet… pic.twitter.com/2fCSGJfPSt
— PIB India (@PIB_India) July 16, 2025
आधिकारिक बयान के अनुसार, एनटीपीसी और एनजीईएल को दिया गया यह विस्तारित आवंटन देश में रिन्यूएबल प्रोजेक्ट के त्वरित विकास में सहायक होगा। एक कैबिनेट नोट के अनुसार, “यह कदम पावर स्ट्रक्चर को मजबूत करने और पूरे देश में चौबीसों घंटे विश्वसनीय बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने में निवेश सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन चरण के साथ-साथ ऑपरेशन एंड मेनटेनेंस (ओ एंड एम) चरण के दौरान स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे। इससे लोकल सप्लायर्स, लोकल उद्यमों/एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा और देश में उद्यमिता के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही देश में रोजगार और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना देश का लक्ष्य
भारत ने अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त कर अपनी ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। देश का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना है। एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और देश की अग्रणी विद्युत उपयोगिता कम्पनी के रूप में, एनटीपीसी का लक्ष्य 2032 तक 60 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ना है, जिससे देश को इस लक्ष्य को प्राप्त करने और 2070 तक ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी। एनजीईएल, जैविक और अजैविक विकास के माध्यम से रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता वृद्धि के लिए एनटीपीसी ग्रुप की अग्रणी सूचीबद्ध सहायक कम्पनी है।
