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विदेश मंत्रालय ने कहा – भारतीयों के हित में है ईरान में वीजा फ्री एंट्री पर रोक का फैसला

विदेश मंत्रालय ने कहा – भारतीयों के हित में है ईरान में वीजा फ्री एंट्री पर रोक का फैसला

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नई दिल्ली, 18 नवम्बर। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने आम भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट सुविधा निलंबित किए जाने के ईरान सरकार के फैसले को भारतीयों के लिए हितकर बताया है। नई व्यवस्था 22 नवम्बर से लागू हो जाएगी।

नई व्यवस्था 22 नवम्बर से लागू हो जाएगी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को कहा कि ऐसे बहुत सारे मामले सामने आए हैं, जिसमें बताया गया है कि भारतीयों को बहला-फुसला कर ईरान ले जाया गया और वे वहां पर जाकर फंस गए। उन्हें रोजगार के झूठे वादे किए गए और वहां से दूसरे देशों में ले जाने का आश्वासन भी दिया गया।

मंत्रालय ने बताया कि सरकार का ध्यान ऐसी घटनाओं की ओर आकर्षित किया गया। इसके बाद मंत्रालय ने विचार विमर्श किया और उसके बाद ही यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही चिंता का विषय है कि भारतीयों को ईरान से किसी और देश में भेजे जाने का आश्वासन दिया जा रहा था।

रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘ईरान सरकार ने 22 नवम्बर से ईरान जाने वाले आम भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए उपलब्ध वीज़ा छूट सुविधा को निलंबित कर दिया है। इस फैसले को इसी नजरिए से देखा जाना चाहिए न कि किसी और दृष्टिकोण से इसे देखे जाने की जरूरत है। हम चाहते हैं कि कोई भी आपराधिक तत्व भारतीयों को गुमराह न कर सके, इसका ख्याल रखते हुए ईरान ने यह फैसला लिया है।’

एमईए ने कहा कि 22 नवम्बर से किसी भी भारतीय पासपोर्ट धारक को ईरान में प्रवेश करने या फिर वहां से गुजरने के लिए वीजा प्राप्त करना अनिवार्य होगा। गौरतलब है कि ईरान ने फरवरी, 2024 में भारतीयों टूरिस्टों के लिए वीजा पर बड़ा फैसला लिया था। इसके अनुसार इंडियन टूरिस्ट छह महीने में बिना वीजा के आ सकते थे और वे ईरान में 15 दिनों तक ठहर भी सकते थे।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इन लोगों को आम भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए उपलब्ध वीजा छूट सुविधा का फायदा उठाकर ईरान की यात्रा पर ले जाया गया। ईरान पहुंचने पर उनमें से कई लोगों का फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया।’

हरेक भारतीय नागरिक को सतर्क रहने की जरूरत

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हरेक भारतीय नागरिक को सतर्क रहने की जरूरत है और जो कोई भी एजेंट या एजेंसी यह दावा करती है कि वे बिना वीजा के ईरान की यात्रा करवा देगी, वह न सिर्फ गलत है बल्कि उससे साफ-साफ बचने की भी जरूरत है।

ईरान में एमबीबीएस की पढ़ाई दूसरे देशों से सस्ती

उल्लेखनीय है कि ईरान में एमबीबीएस की पढ़ाई दूसरे देशों की अपेक्षा सस्ती है, लिहाजा वहां पर भारतीय छात्र डिग्री प्राप्त करना पसंद करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईरान में जिस डिग्री के लिए 20-30 लाख रुपये खर्च करने होते हैं, उसके मुकाबले बांग्लादेश में भी दुगुनी राशि खर्च करनी पड़ जाती है।

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