TMC नेता महुआ मोइत्रा को आवास खाली करने के लिए मंत्रालय ने दिया दूसरा नोटिस, इस तारीख तक देना होगा जवाब
नई दिल्ली, 12 जनवरी। टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को शहरी विकास मंत्रालय ने गुरुवार को सरकारी आवास खाली करने के लिए दूसरा नोटिस दिया। एक हिंदी न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, महुआ मोइत्रा को 16 जनवरी तक इस नोटिस का जवाब देना है। हाल में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत संपदा निदेशालय ने मोइत्रा को ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में लोकसभा से निष्कासित किए जाने के कुछ समय बाद आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए कहा था। महुआ मोइत्रा ने अपने दिल्ली के सरकारी आवास को खाली करने के लिए जारी किए गए संपदा मंत्रालय के नोटिस को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
- हाई कोर्ट में अपनी याचिका में महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
याचिका में कहा गया कि 11 दिसंबर, 2023 को उन्हें नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें सात जनवरी तक घर खाली करने का निर्देश दिया गया था, नहीं तो संबंधित कानून के तहत कार्यवाही शुरू की जाएगी। याचिका में 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों तक उन्हें अपने सरकारी आवास पर कब्जा बरकरार रखने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकारी आवास की अनुपस्थिति, खासतौर से आम चुनाव से पहले याचिकाकर्ता की पार्टी के सदस्यों, सांसदों, साथी नेताओं आदि की मेजबानी करने और उनसे जुड़ने की क्षमता में एक महत्वपूर्ण बाधा उत्पन्न करती है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी को लोकसभा के महासचिव से महुआ मोइत्रा की उस याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा, जिसमें उन्होंने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में लोकसभा से उनके निष्कासन को चुनौती दी है।
- लोकसभा से निष्कासित चल रही हैं महुआ मोइत्रा
मोइत्रा को 8 दिसंबर, 2023 को निचले सदन में पेश की गई ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। सदन के भीतर चर्चा के दौरान बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर मोइत्रा ने कहा था कि एथिक्स कमेटी ने हर नियम तोड़ा। महुआ ने आरोप लगाया कि उन्हें उस आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया जिसका अस्तित्व ही नहीं है।
महुआ मोइत्रा के अनैतिक आचरण की जांच करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि टीएमसी नेता को लोकसभा से निष्कासित किया जा सकता है और केंद्र सरकार की ओर से समयबद्ध तरीके से गहन, कानूनी, संस्थागत जांच की मांग की गई थी। रिपोर्ट को पिछले महीने पैनल में 6:4 के बहुमत से अपनाया गया था। मोइत्रा के कैश-फॉर-क्वेरी मामले पर रिपोर्ट से पता चला कि उन्होंने 2019 से 2023 तक चार बार यूएई का दौरा किया, जबकि उनके लॉगिन को कई बार एक्सेस किया गया था।