![मणिपुर : सीएम बीरेन सिंह के सुरक्षा काफिले पर उग्रवादियों का हमला, एक सुरक्षाकर्मी घायल](https://revoi-hindi.s3.ap-south-1.amazonaws.com/wp-content/uploads/2024/06/10193422/%E0%A4%8F%E0%A4%A8-%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B9-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%BE.jpg)
मणिपुर : सीएम बीरेन सिंह के सुरक्षा काफिले पर उग्रवादियों का हमला, एक सुरक्षाकर्मी घायल
इम्फाल, 10 जून। मणिपुर में आज घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा काफिले पर राजधानी इम्फाल के पास हमला कर दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें सुरक्षाकर्मी हमले पर जवाबी काररवाई कर रहे हैं। गोलियों की आवाज वीडियो में सुनाई दे रही है। खबर है कि इस घटना में एक सुरक्षाकर्मी घायल हो गया है।
अग्रिम सुरक्षा दल पर हमले के लिए संदिग्ध कुकी विद्रोही जिम्मेदार
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह हमला उस समय हुआ, जब अग्रिम सुरक्षा दल असम सीमा पर जिरीबाम के लिए रवाना हुआ, जहां अगले दिन मुख्यमंत्री का दौरा होने वाला था। माना जा रहा है कि अग्रिम सुरक्षा दल पर हमले के लिए संदिग्ध कुकी विद्रोही जिम्मेदार हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष के बाद तनाव बढ़ गया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली से इम्फाल लौट रहे मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए जिरीबाम जाने की योजना बनाई थी। इसी बीच गत शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरीबाम में दो पुलिस चौकियों, एक वन विभाग कार्यालय और कम से कम 70 घरों को आग के हवाले कर दिया। यह हमला क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के बीच हुआ है।
गत छह जून को 59 वर्षीय मैतेई किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव मिलने के बाद तनाव बढ़ गया था, जो कई सप्ताह से लापता था। इसके कारण हिंसा में वृद्धि हुई और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग की गई।
इस अशांति ने पड़ोसी असम को भी प्रभावित किया है, जहां मणिपुर में हिंसा से बचने के लिए विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के लगभग 600 लोगों ने कछार जिले के लखीपुर में शरण ले रखी है। इम्फाल से 220 किमी दूर स्थित जिरीबाम, असम की सीमा पर एक रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है और राष्ट्रीय राजमार्ग-37 से होकर गुजरता है। इस क्षेत्र में अनेक कुकी गांव हैं, जो चल रहे संघर्ष के बीच इसके महत्व को और बढ़ा देते हैं।