हाथरस भगदड़ कांड : मायावती ने SIT की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
लखनऊ, 10 जुलाई। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने गत दो जुलाई को हुए हाथरस भगदड़ कांड को लेकर विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।
गौरतलब है कि हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ से 121 लोगों की मौत हो गई थी। एसआईटी की जांच रिपोर्ट में सत्संग के आयोजकों और कुछ अफसरों को दोषी ठहराया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने मंगलवार को एसडीएम सहित छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।
121 निर्दोषों की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण
मायावती ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा – ‘हाथरस सत्संग कांड में 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण। लेकिन एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुखद।’
2. इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 10, 2024
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है। एसआईटी द्वारा भोले बाबा के विरुद्ध कड़ी काररवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’
SIT रिपोर्ट के जरिए भोले बाबा को बचाने में लगी है राज्य सरकार
बसपा सुप्रीमो के बयान के बाद हाथरस कांड की एसआईटी रिपोर्ट को लेकर योगी सरकार द्वारा की गई काररवाई पर सवालिया निशान लग गया है। बसपा नेताओं का कहना है कि सूबे की सरकार एसआईटी रिपोर्ट के जरिए हाथरस सत्संग कांड के मुख्य आयोजक नारायण साकार हरि भोले बाबा को बचाने में लगी है। इसके लिए छोटे अधिकारी और कुछ आयोजकों के खिलाफ काररवाई की जा रही हैं। मायावती ने अपनी पोस्ट में कुछ ऐसा ही लिखा है।
कांग्रेस भी एसआईटी रिपोर्ट पर खड़ा कर चुकी है सवाल
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी मंगलवार को हाथरस हादसे को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी की रिपोर्ट को लीपापोती की रिपोर्ट बताया था। अजय राय का कहना था कि पूरी एसआईटी रिपोर्ट एक धोखा है। इस रिपोर्ट के जरिए प्रदेश सरकार बड़े अधिकारियों और मुख्य आरोपितों को बचाने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास कर रही है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हाथरस कांड की निष्पक्ष जांच कराने के साथ कठोरतम काररवाई कर एक नजीर स्थापित करना चाहिए। अजय राय ने कहा है कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त काररवाई नहीं हुई तो कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाने सड़़क पर उतरकर संघर्ष करेगी।
एसआईटी ने आयोजकों को बताया था दोषी
उल्लेखनीय है कि हाथरस कांड को लेकर एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में सत्संग आयोजकों को दोषी बताया था। एसआईटी का कहना था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आयोजकों ने उचित व्यवस्था नहीं की। आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की इजाजत हासिल करने में कामयाबी पाई। एसआईटी ने इस भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया और मामले की गहन जांच की जरूरत बताई है।
SIT रिपोर्ट के बाद एसडीएम सहित छह अधिकारी को निलंबित हो चुका है
एसआईटी की इस रिपोर्ट के आधार पर यूपी सरकार ने स्थानीय सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), एक सर्किल अधिकारी और चार अन्य को निलंबित कर दिया था। इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया था कि स्थानीय एसडीएम, सर्किल अधिकारी, तहसीलदार (राजस्व अधिकारी), इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में लापरवाही के दोषी हैं, इसलिए इन्हे निलंबित किया गया है।