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माओवादियों का 4 राज्यों में 3 दिवसीय बंद शुरू, झारखंड पुलिस ने जारी किया अलर्ट

माओवादियों का 4 राज्यों में 3 दिवसीय बंद शुरू, झारखंड पुलिस ने जारी किया अलर्ट

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रांची, 23 नवंबर। एक करोड़ रुपये के ईनामी माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादियों ने संगठनों का चार राज्यों में तीन दिवसीय बंद मंगलवार से शुरू हो गया है।

सीमांत रीजनल कमेटी के प्रवक्ता मानस के अनुसार संगठन की ओर से 23 से 25 नवंबर तक बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश में बंद का आह्वान किया गया है।संगठन की ओर से कहा गया है कि बंदी के दौरान पानी, दूध, दवा दुकान, अस्पताल, एंबुलेंस व अग्निशमन सेवा को मुक्त रखा जाएगा।

पुलिस मुख्यालय ने बंद को देखते हुए पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है। खासकर नक्सल प्रभावित जिलों को विशेष तौर पर चौकस रहने को कहा गया है। वहीं सभी जिलों को सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन वाहन जांच करने का भी निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि माओवादी संगठन ने 20 नवंबर को भारत बंद बुलाया था। इस दौरान चाईबासा और लातेहार में रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त किया था।

रेलवे की खास तैयारी, प्रभावित क्षेत्रों में विशेष चौकसी

उधर पटना से प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे इस बंद के मद्देजर खास सतर्कता बरत रही है। रेलवे की ओर से अलर्ट जारी करने के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष चौकसी बरतने का आदेश जारी किया गया है। इसके लिए रेलवे का इंजीनियरिंग डिवीजन, आरपीएफ और जीआरपी की टीमें आपस में एक-दूसरे को को-ऑर्डिनेट कर रही हैं। एक प्लान के तहत रात के वक्त नक्सल प्रभावित इलाकों में ट्रेनों और मालगाड़ियों को ऑपरेट किया जाएगा।

पूर्व मध्य रेलवे में पड़ते हैं बिहार-झारखंड के अधिकतर नक्सल प्रभावित क्षेत्र

बिहार-झारखंड में अधिकांश नक्सल प्रभावित इलाके पूर्व मध्य रेलवे के तहत आते हैं। दानापुर रेल डिवीजन में किउल-झाझा का सेक्शन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय में गया-सासाराम का सेक्शन और धनबाद डिवीजन का इलाका नक्सल प्रभावित है।

रात में पैसेंजर ट्रेनों की गति भी कम की जा रही

सीपीआओ राजेश कुमार के अनुसार विशेष चौकसी बरतने को लेकर एक एडवाइजरी जारी की गई है। शाम सात बजे से लेकर अगले दिन की सुबह छह बजे तक नक्सल प्रभावित इलाकों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इन इलाकों से रात में गुजरने वाली पैसेंजर से भरी ट्रेनों की स्पीड को रेगुलेट किया गया है। ट्रेनों की स्पीड 130 से घटाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गई है। इंटेलिजेंस इनपुट को सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार शेयर किया जा रहा है। रात में रेलवे ट्रैकों की निगरानी के लिए गैंगमैन और आरपीएफ की पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया गया है।

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