ममता बनर्जी बोलीं – भाजपा चाहती है कि लोकसभा चुनाव ‘मोदी बनाम राहुल’ हो क्योंकि नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी टीआरपी हैं राहुल गांधी
मुर्शिदाबाद, 20 मार्च। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की अगुआई में 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरने वाली भारतीय जनता पार्टी विपक्षी नेता के तौर पर केवल राहुल गांधी को इसलिए देखना चाहती है क्योंकि भाजपा को यह लगता है कि मोदी बनाम राहुल की लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दावेदारी को कोई चुनौती नहीं मिलेगी।
राहुल गांधी यदि विपक्षी नेता बने रहे तो कोई भी नरेंद्र मोदी को नहीं हरा पाएगा
सीएम ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद जिले के तृणमूल नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बाचतीत में कहा, ‘भाजपा की मंशा है कि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में विपक्षी नेता के तौर पर उभरें और यही कारण है भाजपा नेता संसद को चलने नहीं दे रही है। अगर राहुल गांधी विपक्षी नेता बने रहे तो यह भी सच है कि फिर कोई भी नरेंद्र मोदी को नहीं हरा पाएगा क्योंकि राहुल गांधी ही नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी टीआरपी हैं।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी ने बीते शुक्रवार को भी अपने आवास पर बंद कमरे में हुई पार्टी नेताओं की बैठक में कमोबेश इसी तरह की बात कही थी। लेकिन रविवार को उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने विचार को सबसे सामने रख दिया।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘किसी (राहुल गांधी) ने बाहर (लंदन) में क्या कहा, भला उसके लिए संसद को क्यों नहीं चलने दिया जा रहा है। तृणमूल चाहती है कि संसद चले और संसद में अडानी मुद्दे पर चर्चा हो। आखिर ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? ईंधन की कीमतों पर, समान नागरिक संहिता जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं की जा रही है?”
उन्होंने कहा, ‘हमने नागरिकता मैट्रिक्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उसे लागू नहीं होने दिया। ठीक उसी तरह हम उन्हें समान नागरिक संहिता से दूर नहीं होने देंगे। अल्पसंख्यक हमारे राज्य में पूरी तरह सुरक्षित हैं और वो हमसे प्यार करते हैं।’
कांग्रेस रहित विपक्षी एकता के लिए ममता की दिल्ली यात्रा जल्द
वहीं इस घटनाक्रम से अलग ममत बनर्जी ने शुक्रवार को कालीघाट स्थित अपने आवास पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इसके अलावा तृणमूल प्रमुख 23 मार्च को बीजद प्रमुख और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मिल सकती हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि ममता बनर्जी कांग्रेस रहित विपक्षी एकता के लिए जल्द ही दिल्ली की यात्रा पर भी जाने वाली हैं।
ऐसा इसलिए कि बीते शुक्रवार को अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद इस बात के स्पष्ट संकेत दिये थे कि सपा लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने का इरादा रखती है। उसी दिन लोकसभा में तृणमूल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी अखिलेश यादव की तरह गैर भाजपा और गैर कांग्रेस की बात कही थी।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस के साथ तालमेल के मुद्दे पर तृणमूल संसदीय दल के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ममता बनर्जी का मानना है कि यदि कांग्रेस क्षेत्रीय ताकतों के साथ उचित समझौता करे और नेतृत्व की भूमिका का त्याग करे तो लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या 130 से कम हो सकती है।
सागरदिघी में तृणमूल प्रत्याशी की हार को लेकर कांग्रेस-लेफ्ट पर हमला
लेकिन इसके साथ ही ममता बनर्जी कांग्रेस पर सख्त रूख भी अख्तियार किये रहीं और मुर्शिदाबाद के सागरदिघी में कांग्रेस-लेफ्ट के हाथों तृणमूल प्रत्याशी को मिली हार पर हमला करते हुए कहा कि सागरदिघी में बहुत सारे पैसे का खेल हुआ था और मतदाताओं को कई तरीकों से गुमराह किया गया था। उन्होंने कहा, ‘सारगदिघी में कांग्रेस, सीपीएम और भाजपा ने एक साथ मिलकर तृणमूल प्रत्याशी के खिलाफ लोगों को गुमराह करने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची थी।’
ममता ने कहा, ‘यहां उनका आदमी (अधीररंजन चौधरी) भी भाजपा का नंबर एक आदमी है और आरएसएस और सीपीएम के साथ मिलकर उसने सारा खेल रचा। सागरदिघी की लड़ाई जिस तरह से कांग्रेस, लेफ्ट और भाजपा ने लड़ी, वह अनैतिक थी। वे सांप्रदायिकता के आधार पर लोगों को भड़का रहे थे।’
गौरतलब है कि सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस-लेफ्ट समर्थित उम्मीदवार बैरन बिस्वास ने 22,986 मतों के अंतर से लगभग 65 फीसदी अल्पसंख्यक आबादी वाले निर्वाचन क्षेत्र में तृणमूल के प्रत्याशी देबाशीष बनर्जी को हराया था।
वहीं सागरदिघी में तृणमूल की हार के बाद कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा था, ‘मुझे बहुत खुशी है कि हम सिर्फ एक उपचुनाव जीत के साथ उसको नीचे लाने कामयाब रहे। मेरे पास सागरदिघी से पैदा हुई जलन को शांत करने के लिए कोई बाम नहीं है।”