ममता की पीएम मोदी से अपील – राजनीतिक प्रतिशोध बंद करें, जनता की भलाई के लिए मैं आपके पैर छूने को तैयार हूं
कोलकाता, 29 मई। केंद्र सरकार से टकराव के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि शुक्रवार को चक्रवाती तूफान ‘यास’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में वह देर से नहीं पहुंचीं वरन पीएम से मिलने के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ा। इसी क्रम में ममता ने पीएम मोदी से अपील की, ‘राजनीतिक प्रतिशोध बंद करें। जनता की भलाई के लिए मैं आपके पैर छूने को भी तैयार हूं।’
ममता बनर्जी ने शनिवार को अपने स्पष्टीकरण के साथ यह भी आरोप लगाया कि बैठक में उन्हें नीचा दिखाने की योजना थी। उन्होंने कहा, ‘ बैठक में एक प्लान के तहत उन्होंने खाली कुर्सियां दिखाईं। मैं क्यों बैठती, जब मैंने वहां राजनीतिक पार्टियों के लीडरों को देखा, जो उस मीटिंग में शामिल होने हकदार नहीं थे। मैंने पीएम से मुलाकात की।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी क्या गलती है? पिछले दो वर्षों में संसदीय विपक्षी नेताओं की क्यों जरूरत नहीं पड़ी या गुजरात की बैठकों में विपक्ष के नेता को क्यों नहीं बुलाया जाता। जब मैंने शपथ ली थी तो गवर्नर ने कानून व्यवस्था के बारे में बात की थी और केंद्र की टीम भेजी गई थी।’
- मुख्य सचिव का दिल्ली ट्रांसफर रोकने का आग्रह
ममता ने राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का दिल्ली ट्रांसफर रोकने का भी केंद्र से अनुरोध किया और कहा ऐसा करना देशभर के नौकरशाहों का अपमान है। शुक्रवार को पीएम की बैठक में ममता के साथ अलपन भी मौजूद थे, जिनका सेवाकाल इसी 31 मई को समाप्त हो रहा है। लेकिन केंद्र ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार देते हुए सोमवार को दिल्ली रिपोर्ट करने को कहा है।
ममता ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करती हूं कि मुख्य सचिव दिल्ली ट्रांसफर के इस आदेश को वापस लें और हमें काम करने दें। कुछ शिष्टाचार होना चाहिए। केंद्र, राज्य को काम नहीं करने दे रहा है। बंगाल मेरी प्राथमिकता है और मैं इसे कभी खतरे में नहीं डालूंगी। मैं यहां के लोगों के लिए सुरक्षा गार्ड बनी रहूंगी।’
- बैठक के लिए हमें इंतजार करने को कहा गया
पीएम की बैठक में 30 मिनट की देरी से पहुंचने पर ममता का कहना था, ‘जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक स्थल पर हम पहुंचे तो हमसे कहा गया कि पीएम कुछ देर पहले पहुंच चुके हैं और बैठक चल रही है। हमें बाहर इंतजार करने को कहा गया। कुछ देर हमने इंतजार करने के बाद जब दोबारा अंदर जाने की अनुमति मांगी तो एसपीजी ने कहा कि अगले एक घंटे तक कोई नहीं जा सकता।’
ममता ने कहा, ‘फिर किसी ने हमें बताया कि मीटिंग कॉन्फ्रेंस हॉल में शिफ्ट हो गई है। जब मुख्य सचिव और हम वहां पहुंचे तो देखा कि गवर्नर, केंद्रीय नेताओं और विपक्षी दल के विधायकों के साथ पीएम मीटिंग कर रहे थे। यह मीटिंग केवल राजनीतिक बदला लेने के लिए बुलाई गई थी। ओडिशा और गुजरात में हुई समीक्षा बैठक में तो राज्यपाल और विपक्ष के नेताओं को नहीं बुलाया गया था।’
इस पर ममता ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘हमें जो बताया गया, यह उसके एकदम उलट था। यह मीटिंग केवल पीएम और सीएम के साथ होनी थी। इसलिए हमने पीएम को रिपोर्ट सौंपने का फैसला किया और दीघा के दौरे की उनसे अनुमति मांगी। मैंने प्रधानमंत्री से तीन बार अनुमति मांगी।’