महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव नतीजे घोषित : विपक्ष ने महायुति पर ‘पैसे की ताकत’ और ‘फिक्स्ड’ EVM का लगाया आरोप
मुंबई, 21 दिसम्बर। महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन महायुति को बंपर जीत मिली है, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राज्यभर में 288 नगर परिषद और पंचायत सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं, जिनमें भाजपा ने सर्वाधिक 188 सीटें जीती हैं। वहीं विपक्षी कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने हार स्वीकार करने के साथ आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने सत्ताधारी महायुति गठबंधन की जीत में ‘मदद’ की।
भाजपा के खाते में सबसे अधिक 118 सीटें
परिणाम पर एक नजर डालें तो कुल 288 सीटों पर हुए चुनाव में महायुति ने 214 सीटों पर कब्जा किया। इनमें भाजपा सर्वाधिक 118 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। वहीं, महायुति के अन्य दो सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 59 और एनसीपी (अजित पवार) ने 37 सीटें हासिल की हैं। दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) 49 सीटों पर सिमट गया। इनमें कांग्रेस को 32, शिवसेना (उबाठा) को नौ और शरद पवार की एनसीपी को आठ सीटों से संतोष करना पड़ा है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद पदों पर जीतने वाले पार्टी उम्मीदवारों को बधाई दी, लेकिन एक तीखी टिप्पणी में उन्होंने कथित तौर पर चुनावों में सत्ताधारी महायुति गठबंधन की ‘मदद’ करने के लिए चुनाव निकाय को भी ‘बधाई’ दी।
फिक्स्ड EVM ने दिलाई महायुति को जीत – संजय राउत
वहीं शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने दावा किया कि महायुति की सफलता EVM में हेरफेर के कारण हुई और कहा कि चुनावों के दौरान विपक्ष पैसे की ‘बारिश’ से दब गया था। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘अगर आप BJP, शिवसेना और NCP के विधानसभा के नंबर देखें, और अब नगर निकाय चुनावों में, वे वही हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान इस्तेमाल की गई मशीनें (फिक्स्ड) वही हैं। सेटिंग (मशीनों की) वही है और (जिस तरह से) चुनावों के दौरान पैसा इस्तेमाल किया गया, वह भी वही है। BJP ने मशीनों को उसी तरह से सेट किया है जैसा विधानसभा चुनावों में हुआ था। उन्हें कम से कम जीती हुई सीटों की संख्या तो बदलनी चाहिए थी।’
‘चुनाव पैसे की बारिश से भरे थे, जिसका सामना कोई नहीं कर सका’
संजय राउत ने आरोप लगाया कि चुनाव पैसे की बारिश से भरे थे, जिसका सामना कोई नहीं कर सका। उन्होंने दावा किया कि नगर परिषद चुनावों पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिनका कुल बजट मुश्किल से 30 करोड़ रुपये है। उन्होंने आगे कहा कि चार्टर्ड फ्लाइट्स और हेलीकॉप्टर, जिनका इस्तेमाल पहले कभी नगर निकाय चुनावों के लिए नहीं किया गया था, इस बार इस्तेमाल किए गए। उनके अनुसार, असली मुकाबला सत्ताधारी पार्टियों के बीच ही था, विपक्ष के साथ नहीं।
यह ‘सत्ता के आतंक’ की जीत
शिवसेना (UBT) नेता ने कहा कि वोटों की गिनती के तुरंत बाद हॉर्स-ट्रेडिंग शुरू हो गई। श्रीवर्धन नगर परिषद के अध्यक्ष को, जिन्होंने शिवसेना (UBT) के टिकट पर जीत हासिल की है, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना लुभा रही है। उन्होंने आगे दावा किया कि यह ‘सत्ता के आतंक’ की जीत है।
