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नागपुर में HMPV के 2 मामले पाए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने गठित की टास्क फोर्स

नागपुर में HMPV के 2 मामले पाए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने गठित की टास्क फोर्स

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नागपुर, 7 जनवरी। महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के दो मामले सामने आए। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दोनों बच्चे हैं और उनकी हालत स्थिर है। इन मामलों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सैपले की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करेगी।

दो लड़कियों में दिखे HMPV के लक्षण

दरलसल, 13 और सात वर्ष की दो लड़कियों में इस नए वायरस के लक्षण दिखाई दिए थे। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, दो दिनों तक लगातार बुखार रहने के बाद इन लड़कियों ने एक निजी लैब में जांच कराई और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनका घर पर ही इलाज किया गया और इनकी हालत स्थिर है। बताया गया है कि इन दोनों बच्चियों को खांसी और बुखार था। इनके सैंपल एनआईवी को भेजे गए हैं क्योंकि इनके लक्षण थोड़े अलग थे। दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी और दोनों मरीज ठीक हो गए हैं।

चिंता करने की जरूरत नहीं, यह वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं

नागपुर के सरकारी मेडिकल और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने कहा, ‘माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है, यह वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है।’ हालांकि उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को मास्क पहनना चाहिए।

बीएमसी भी अलर्ट मोड में

वहीं बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) भी अलर्ट मोड में आ गया है और एचएमपीवी रोगियों के इलाज के लिए विशेष वार्ड स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “एचएमपीवी वायरस से डरने की कोई बात नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह वायरस नया नहीं है, यह वायरस पहले भी प्रचलित था। ऐसा लगता है कि यह वायरस एक बार फिर से वापसी कर रहा है।

किसी भी तरह की काल्पनिक जानकारी न दें – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सूचित करने का निर्णय लिया है, जिसमें कहा गया है कि इस संबंध में किसी भी तरह की काल्पनिक जानकारी न दें, जो आधिकारिक जानकारी है, केवल वही दी जाए। एचएमपीवी से डरने की कोई वजह नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह वायरस नया नहीं है, यह वायरस पहले भी मौजूद था। ऐसा लगता है कि यह वायरस एक बार फिर से वापसी कर रहा है। इस संबंध में नियमों की घोषणा की जाएगी।

इस वायरस का पहली बार 2001 में नीदरलैंड्स में पता चला था

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने बताया, ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इस वायरस का पहली बार 2001 में नीदरलैंड्स में पता चला था। यह एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण का कारण बनता है। यह मौसमी महामारी है और फ्लू की तरह सर्दियों और गर्मियों की शुरुआत में होती है।’

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