1. Home
  2. हिन्दी
  3. महत्वपूर्ण
  4. कहानियां
  5. मध्य प्रदेश : वेतनवृद्धि की मांग को लेकर 19 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर
मध्य प्रदेश : वेतनवृद्धि की मांग को लेकर 19 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर

मध्य प्रदेश : वेतनवृद्धि की मांग को लेकर 19 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर

0
Social Share

भोपाल, 25 मई। कोरोना महामारी से संघर्ष के बीच मध्य प्रदेश के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी वेतनवृद्ध सहित दो सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि वे 17 मई से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में हड़ताल ही उनके लिए एकमात्र रास्ता है। इस हड़ताल में उन्हें मंगलवार से आयुष चिकित्सकों का भी साथ मिल गया है, जिन्होंने एमबीबीएस डॉक्टरों जैसे वेतनमान की मांग कर दी है।

फिलहाल कोरोना काल में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल का असर भी प्रदेश में दिखाई देने लगा है। राजधानी के जेपी अस्पताल में बने वैक्सिनेशन सेंटर को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं कोविड वार्ड में कार्यरत संविदाकर्मियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।। ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है।

हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों की दो प्रमुख मांगों में एनएचएम द्वारा 2018 की नीति को लागू कर वेतनमान देना और हटाए गए स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों को बहाल करना शामिल हैं। संविदा स्वास्थ कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव का कहना था कि सरकार अगर मांगे नहीं मानेगी तो यह हड़ताल जारी रहेगी।

  • ढाई हजार सपोर्ट स्टॉफ भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

दूसरी तरफ लगभग 2,500 मेडिकल सपोर्ट स्टॉफ भी हड़ताल पर चले गए हैं। मेडिकल सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कोमल सिंह का आरोप है कि लगभग 2,500 सपोर्ट स्टॉफ 12 वर्षों से संविदा पर काम कर रहे थे। अब उन्हें आउटसोर्स एजेंसी के अधीन कर दिया गया है, जहां इन कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। राज्य कोरोना नियंत्रण के काम में आशा कार्यकर्ताओं और सहयोगिनियां ही कर रही हैं, लेकिन उनका भी शोषण किया जा रहा है। इसलिए विरोध दर्ज कराना कर्मचारियों की मजबूरी बन गई है।

इस बीच अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर आयुष डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग कार्यालय पहुंचकर सीएमएचओ से मुलाकात की। आयुष डॉक्टरों का कहना है कि पिछले कोरोना काल से प्रदेश में कोरोना महामारी का इलाज करने में 40 फीसदी एमबीबीएस डॉक्टरों की कमी के चलते आयुष डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से काम लिया जा रहा है, लेकिन इनके मानदेय और रोजाना मिलने वाले भत्ते में एक साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर आयुष डॉक्टरों ने भी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code