प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत गरीब कारीगरों को 1,751 करोड़ रुपये का लोन अप्रूव : केंद्र सरकार
नई दिल्ली, 11दिसंबर। बैंकों ने 31 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लोहार, राजमिस्त्री, कुम्हार, बढ़ई और दर्जी जैसे गरीब कारीगरों को 1,751 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उधारकर्ताओं (विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में) के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण के आसान प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए अलग-अलग उपाय किए।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 2.02 लाख से अधिक खाते खोले गए
केंद्रीय मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 2.02 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल स्वीकृत ऋण राशि 1,751.20 करोड़ रुपये है।
केंद्र सरकार ने अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए 17 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की। इन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है। वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक इस योजना के लिए वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है।
पीएम विश्वकर्मा योजना ने अब तक 2.58 करोड़ आवेदन जमा किए हैं
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पीएम विश्वकर्मा योजना ने अब तक 2.58 करोड़ आवेदन जमा किए हैं, जिनमें से 23.75 लाख आवेदकों को तीन-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया के बाद योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए सफलतापूर्वक रजिस्टर्ड किया गया है।
योजना के तहत ई-वाउचर के माध्यम से करीब 10 लाख लोगों को उनके व्यवसाय के लिए उपयुक्त आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक के टूलकिट प्रोत्साहन स्वरूप मिले हैं।
भारत सरकार 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करती है
कारीगरों को दिए जाने वाले ऋण पर सरकार द्वारा 5 प्रतिशत ब्याज दर से सब्सिडी दी जाती है। भारत सरकार 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करती है, जिससे कुल ऋण लागत में कमी आती है। पहली किस्त के लिए 18 महीने और दूसरी किस्त के लिए 30 महीने में ऋण चुकाया जा सकता है। पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 ट्रेड्स के कारीगर और शिल्पकार शामिल हैं जो अपने हाथों और औजारों से काम करते हैं।
इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उद्यमी और आत्मनिर्भर बनने में मदद करना है।
देश के 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल के अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण के लिए औपचारिक प्रशिक्षण शुरू किया गया है।