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नए कानूनों से मिलेगा त्वरित न्याय, जीवन हो जाएगा सरल – कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल

नए कानूनों से मिलेगा त्वरित न्याय, जीवन हो जाएगा सरल – कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल

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वाराणसी, 12 जुलाई। केंद्रीय कानून एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को कहा कि गत एक जुलाई से लागू हुए तीनों नए आपराधिक कानून भारत के लोगों के जीवन को सरल और त्वरित न्याय दिलाने वाले कानून साबित होने वाले हैं।

एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए मेघवाल ने स्थानीय सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम लोगों ने पूरी व्यवस्था को पारदर्शी तरीके से लोगों की जीवन को सुलभ बनाने का प्रयास किया है। नए कानून में पुरानी कानून व्यवस्था की कमियों को दूर किया गया है। त्वरित न्याय के लिए डिजिटल प्रक्रिया को भी पुरजोर तरीके से अपनाने पर बल दिया गया है। सजा के प्रावधानों के साथ-साथ जमानत की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है।’

केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि आईपीसी की जगह भारतीय न्याय सहिंता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और ऑल इंडियन एविडेंस की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम यानी न्यू क्रिमिनल लॉ, जिसे हम क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का पार्ट कहते हैं, एक जुलाई से पूरे देश में लागू हुआ है।

नए कानून के माध्यम से चीजें और आसान हो जाएंगी

उन्होंने कहा, ‘ये इतने अच्छे कानून हैं, जिनके माध्यम से चीजें और आसान हो जाएंगी। एक प्लेटफार्म है, जिसको हम ई-कोर्ट प्लेटफार्म बोलते हैं। ई प्रिजनर प्लेटफार्म भी इसका हिस्सा है। जैसे ही पीठासीन अधिकारी फैसला सुनाएंगे, वैसे ही यह पोर्टल पर अपलोड होगा।

मेघवाल ने कहा कि पहले फैसला सुनाने के बाद फैसले की कॉपी लेकर जेल में जाना होता था। कई बार इस प्रक्रिया में दो दिन लग जाते थे और जेल से बाहर आने में दो दिन लगते थे। कभी-कभी शाम को छह बजे ऑर्डर पहुंचता था और जेल सुपरिटेंडेंट उसे रिसीव नहीं करता था। लेकिन अब कोई भी फैसला आने के बाद की कोर्ट पोर्टल पर उसे अपलोड किया जाएगा और इसके बाद वह ई प्रिजनर पोर्टल पर जाएगा। इसके बाद 15 मिनट में यह पता चल जाएगा जो ट्रायल पर कैदी था उसे कोर्ट ने छोड़ दिया है। इससे बेवजह समय की बर्बादी नहीं होगी और जो भी लोग होंगे, उन्हें तत्काल न्याय मिलेगा।

ट्रेन में सफर के दौरान चोरी की जीरो एफआईआर घर बैठे की जा सकेगी

उन्होंने कहा कि कोई छोटा अपराध किया है तो उसे कम्युनिटी सेवा के आधार पर जीरो एफआईआर के आधार पर भी कार्य किया जा सकेगा। इसी प्रकार अब ट्रेन में यात्रा के दौरान चोरी होने पर भी घर जाने के बाद भी जीरो एफआईआर कराई जा सकेगी। उसके बाद एफआईआर की कॉपी संबंधित थाने में ऑटोमेटिक भेज दी जाएगी। यह ईज ऑफ लिविंग है। इससे केसेस की पेंडेंसी खत्म होगी और लोगों को जल्द न्याय मिलेगा।

 

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